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अभी छह महीना तो भूल जाइए शराब बंदी…मंत्री कवासी लकमा बोले…सभी बातों पर विचार करने के बाद होगा फैसला…दूसरे राज्यों में जाकर करेंगे अध्ययन…

रायपुर। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में अगले छह माह से पहले शराब बंदी नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि सरकार की आबकारी नीति में अभी कोई बदलाव नहीं होगा। इसलिए अभी छह महीना शराब बंद को भूल ही जाइएं।

सरकार पहले पूरा अध्ययन करेगी फिर तय करेंगे कि क्या किया जाए। जल्द ही आबकारी नीति का अध्ययन करने के लिए नई समिति का गठन कर दिया जाएगा। दल दूसरे राज्यों में जाकर देखेगा कि शराब बंदी का असर वहां क्या हुआ।

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछली सरकार ने भी एक अध्ययन दल बनाया था जिसने सात राज्यों दिल्ली, केरल, गुजरात, तमिलनाड़ु, बिहार, झारखंड और पुड्डुचेरी का दौरा किया था। इस बार बनने वाला दल आंध्रप्रदेश का भी दौरा करेगा।



भाजपा सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष से आबकारी नीति में बदलाव करते हुए आबकारी ठेका प्रथा बंद कर दी थी और खुद शराब बेच रही थी। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश में 90 के दशक में शराब बंदी की गई थी जो फेल रही। बाद में सरकार को दोबारा शराब बेचना पड़ा। ऐसा किन परिस्थितियों में हुआ यह देखा जाएगा।

शराब बंदी के पहले अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में भी जाना होगा। आदिवासी इलाकों में ग्राम पंचायतों में बैठक कर समाज प्रमुखों की राय लेगी। समिति की रिपोर्ट के आने के बाद ही कहा जा सकता है कि शराब बंदी होगी या नहीं। वैसे आदिवासी इलाकों में तो शराब परंपरा का हिस्सा है। इसलिए अगर प्रदेश के अन्य हिस्सों में शराब बंदी की भी गई तो भी आदिवासी इलाकों को इसमें छूट मिल सकती है।

छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर सरकार धर्मसंकट में है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की जाएगी। जैसे ही सरकार बनी तुरंत सामाजिक संगठन शराब बंदी की मांग करने लगे हैं।

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