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सैकड़ों लोगों ने नदी की रेत पर लिया सूखा लहरा…मकर संक्रांति पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़…

महासमुंद। मकर संक्राति पर कनेकेरा स्थित महादेव घाट, बम्हनी की श्वेतगंगा, पंचकोशी धाम सहित महानदी के तट पर स्थित हथखोज की लहरा माता मंदिर में आज श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।

हथखोज में बघनई नदी के त्रिवेणी संगम में लगने वाला घोंडुल मेला आज अपने पूरे शबाब पर था। यहां राजिम, मोहारभाठा, रायपुर, धमतरी, नयापारा, बम्हनी, महासमुंद, साराडीह, सिरकट्टी, कुरूद, सिवनी सहित क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु सतघेश्वरनाथ महादेव दर्शन के लिए पहुंचे। सैकड़ों ने नदी की सूखे रेत पर लहरा भी लिया। चिंगरौद के सुरेश ने बताया कि वह पिछले लगभग 11 वर्षों से यहां आकर सूखा लहरा लेते हैं।

उन्होंने बताया कि लहरा लेने से मन को शांति मिलती है। साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। फिंगेश्वर की राधिका ने बताया कि लहरा शक्ति माता के मंदिर में पूजा-अर्चना कर नदी के रेती में माता-पिता एवं सात पीढिय़ों के लिए कोड़ी के माध्यम से पूजा-अर्चना की जाती है।



उन्होंने बताया कि पूजा में गंगा मईया के नाम लेने से दैवीय शक्ति शरीर में समाहित हो जाती है और शरीर अचानक लहरा लेने लगता है। संतान प्राप्ति सहित अन्य मनोकामना हेतु श्रद्धालु रेत से शिवलिंग बनाकर उस पर अगरबत्ती एवं पलास के पत्ते चढ़ाकर अपनी सात पीढिय़ों का स्मरण करते हुए लहरा लेते हैं।

बताते हैं कि लहरा लेने के दौरान उनमें अचानक ही देवी शक्ति जागृत हो जाती है। आज महानदी में भी मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों ने स्नान कर नदी पर स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि आज के दिन नदी-तालाबों में स्नान कर भगवान की पूजा अर्चना कर मनोकामना मांगने से पूर्ण हो जाती है। इसी मान्यता के तहत यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

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