रायपुर। आगामी 31 जनवरी तक सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की जाएगी। इसके लिए किसानों को टोकन दिया जा रहा है। खरीदी के आखरी दिनों में कोचियों द्वारा धान बेचने की शिकायत मिल रही है। जिसे देखते हुए शासन जांच तेज कर दी है।
साथ ही चेतावनी दी है कि दूसरे के खाते में धान बेचते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निर्धारित रकबे से अधिक की खरीदी करने वाली समितियों से भी वसूली करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष में 2018-19 के तहत आगामी 31 जनवरी तक सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाएगा।
जिले में अब तक करीब 85 प्रतिशत धान की खरीदी हो चुकी है। शेष खरीदी के लिए धान बेचने वाले बचे पंजीकृत किसानों को अभी से समितियों द्वारा टोकन प्रदान कर दिया जाए ताकि आखिरी तिथि में किसानों को धान बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. आज यहां जिला कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी की समिति व उपार्जन केन्द्रवार समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
वास्तविक किसानों को इसका समुचित लाभ मिले पर किसी भी परिस्थिति में बाहर से आने वाले धान की खरीदी न हो यह सुनिश्चित किया जाए, यदि कोई किसी दूसरे के खाते में धान बेचते पाया जाता है तो संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने खरीदी केन्द्रों से धान के परिवहन की धीमी गति पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिन समितियों में बफर लिमिट से अधिक धान संग्रहण हो गया है वहां से शीघ्र धान का उठाव कराने के निर्देश जिला विपणन अधिकारी को दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि जिन समितियों में 80 प्रतिशत से अधिक खरीदी हो गई है वहां खाद्य, सहकारी बैंक और सहकारिता विभाग के जिला व विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों का दल बनाकर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में जिला स्तरीय अधिकारियों को भी समितियों में धान खरीदी की जांच की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा ताकि अंतिम दिनों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके। कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्रों में बारदानों की उपलब्धता आदि की भी समीक्षा की।
खाद्य नियंत्रक जी.एस. राठौर ने बताया कि जिले में 125 धान उपार्जन केन्द्रों में सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। वर्ष 2016-17 की तुलना में अभी तक जिले में 85 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है।
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