एक और फर्जीवाड़ा सामने आया…पटवारियों ने कर दिया बंजर जमीन का फसल बीमा…

बिलासपुर। प्रदेश में फसल बीमा का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पटवारियों ने इस कदर गलती की है कि बंजर भूमि का भी बीमा कर दिया है। किसानों का जितना खेती का रकबा नहीं है, उससे अधिक प्रधानमंत्री फसल बीमा कर दिया गया है। इतना ही नहीं असिंचित भूमि को भी पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों ने सिंचित भूमि बता दिया है। बिलासपुर जिले की 66 ग्राम पंचायतों में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।
किसानों के खेती का रकबे की तस्दीक ग्राम पंचायत स्तर पर संबंधित हल्का के पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक करते हैं। इसके बाद इसकी सूची तैयार करने पर संबंधित तहसील के तहसीलदार बीमित किसानों की सूची जिला मुख्यालय भेजते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से ऋण लेने वाले किसानों का सबसे अधिक बीमा किया गया है। इस बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने के साथ ही संबंधित किसान के ऋण की कुल राशि का दो प्रतिशत राशि फसल बीमा के प्रीमियम के लिए तुरंत काट लिया जाता है।
किसानों का जितना खेती का रकबा नहीं है, उससे अधिक प्रधानमंत्री फसल बीमा कर दिया गया। कलक्टर डॉ. संजय कुमार अलंग ने यह मामला पकडऩे के बाद जांच और रकबे का वास्तविक स्थिति दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जिले की 66 ग्राम पंचायतों में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। 66 ग्राम पंचायतों में कई ऐसे संयुक्त खाते कृषि भूमि के है, जिनके तीन से पांच नाम दर्ज है।
इसमें मुखिया के नाम पर बीमा होना चाहिए लेकिन पटवारियों-राजस्व निरीक्षकों ने सभी संयुक्त खातेदारों के नाम से अलग-अलग बीमा कर दिया है। इसी प्रकार कई किसान खेती की जमीन का कुछ हिस्सा बेच चुके हंै, लेकिन उनकी ऋण पुस्तिकाएं पटवारी और राजस्व निरीक्षकों ने दुरुस्त ही नहीं किया और रकबे की फसल बीमा कर दिया। यहीं नहीं कर्मचारियों ने पड़ता भूमि का भी बीमा किया है।
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