रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा क्षेत्र के एक हजार 707 आदिवासी परिवारों (खातेदारों) को उनकी चार हजार एकड़ से ज्यादा जमीन विधिवत वापस किए जाने का आदेश जारी कर दिया। यह भूमि लगभग एक दशक पहले तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा टाटा के वृहद इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई थी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के आम चुनाव 2018 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बस्तर प्रवास के दौरान किसानों को यह भूमि वापस दिलाने का वादा किया था।
राज्य में लगभग 21 दिन पहले प्रचंड बहुमत से श्री बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मंत्री परिषद की बैठक में किसानों को यह भूमि वापस दिलाने का प्रस्ताव विधिवत पारित हुआ और आज एक महीने से भी कम समय में किसानों को यह भूमि वापस देने का आदेश भी जारी हो गया। इससे लोहांडीगुड़ा क्षेत्र के किसानों में भारी हर्ष व्याप्त है।
मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण के सिर्फ 21 दिनों के भीतर किसानों से किया गया अपना यह वादा पूरा कर दिया है। क्षेत्रीय विधायक दीपक बैज ने राज्य शासन द्वारा आज जारी इस आदेश स्वागत किया है। श्री बैज ने कल वहां के प्रभावित किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ रायपुर में मुख्यमंत्री श्री बघेल से विधानसभा परिसर में मुलाकात की थी और भूमि वापसी के मंत्रि परिषद के निर्णय पर किसानों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया।
श्री बैज ने कहा कि देश में यह अपनी तरह का शायद पहला मामला है जहां से 1707 से ज्यादा आदिवासी परिवारों को भूमि अधिग्रहण के बाद उनकी भूमि वापस कर दी गई है। यह भूमि 1764 हेक्टेयर अर्थात करीब 4400 एकड़ होती है। लगभग 11 वर्षों से ये आदिवासी परिवार अपनी जमीन वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे थे।
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