भिलाई। कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दक्षिणकर नारायण पुरुषोत्तम ने करोड़ों के प्रशासनिक भवन निर्माण में लेटलतीफी बरतने वाले सहायक अभियंता उल्लास कुमार देशमुख को निलंबित कर दिया।
इससे पहले कुलपति के नोटिस का जवाब भी अभियंता ने नहीं दिया था। रजिस्ट्रार डॉ. पी.के. मरकाम ने देशमुख के आचरण को सिविल सेवा अधिनियम के विपरीत मानते हुए निलंबित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि 42 करोड़ के भवनों को नियम कानून को ताक पर रखकर ठेका दी गई है। इस मामले की कामधेनु विवि प्रशासन ने जांच प्रतिवेदनआर्थिक अनियमितिता की रिपोर्ट शासन और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को सौंप दिया है।
आपको बता दें कि कामधेनु विश्वविद्यालय प्रशासन ने 42 करोड़ की लागत से प्रशासनिक भवन, अनुसंधान टावर, वेटरनरी कॉलेज बिल्डिंग एक्सटेंशन,वाइस चांसलर बंगला, स्टॉफ क्वाटर, एक्जीक्यूटिव क्वाटर, क्लीनिकल काम्प्लेक्स एंड टीवीसीसी हास्पिटल भवन निर्माण का ठेका दिया है।
कामधेनु विश्वविद्यालय ने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेव्लपमेंट (नाबार्ड)से कुल 6 प्रोजेक्ट के लिए 42 करोड़ का ऋण लिया है।
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