नई दिल्ली। राम मंदिर पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच का गठन कर दिया गया है। इस बेंच में जस्टिस रंजन गोगई, जस्टिस एसए बोड़े, एनवी रमन्ना, यूयू ललित और डीवाई चन्द्र चुड़ हैं। 10 जनवरी से सुनवाई शुरू होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.67 अकड़ जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया था। एक हिस्सा राम लला विराजमान, एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया है।
तीनों ही पक्षों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में 533 एक्जीबिट, 87 गवाह जिन के बयान 14 हजार पन्नों में हैं और हजारों दस्तावेज हैं जो संस्कृत, उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी और अंग्रेजी में हैं। इन सब को पढऩे में ही काफी समय लग सकता है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के 26 साल पूरे हो गए हैं। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था, हालांकि विवादित स्थल पर आज तक मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है और कई संगठन अब भी राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं।
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