फतेहपुर (कांगड़ा)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहीद हुए बेटे लांस नायक सपन चौधरी को उनकी बुजुर्ग मां ने ऐसी अंतिम विदाई दी कि पूरी दुनिया याद करेगी। शुक्रवार को जैसे ही पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची तो मां स्वर्णा देवी खुद सड़क पर पहुंच गईं।
वे फौजी टोपी पहनकर शहीद बेटे की अर्थी के आगे-आगे एक किलोमीटर पैदल श्मशानघाट तक गईं और बेटे को सैल्यूट मारकर अंतिम विदाई दी। मां के जज्बे को देख साथ आए सैन्य अधिकारी और जवान भी आंसू नहीं रोक पाए।
मां ने औरों के साथ भारत माता की जय के नारे भी लगाए। बड़े भाई बृजभूषण ने मुखाग्नि दी। सपन के पिता और बड़े भाई भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। बीते दिन पुंछ में हिमखंड गिरने से सपन ने शहादत पाई थी। एक अन्य घायल पंजाब के जवान ने भी दम तोड़ दिया है। शुक्रवार दोपहर को शहीद सपन का पैतृक गांव सिहाल में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
सिहाल पंचायत के शमशान घाट पर पंचतत्व में विलीन होने वाले सपन दूसरे शहीद सैनिक हैं। इससे पूर्व 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए अशोक कुमार का अंतिम संस्कार भी यहीं हुआ था। इस मौके पर अशोक की शहादत की यादें भी लोगों के जहन में ताजा हो गईं।
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