ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट के फाउंडर सचिन बंसल ने मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के लिए 699 करोड़ रुपए का अडवांस टैक्स भरा है।
इसमें अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट को फ्लिपकार्ट की अपनी हिस्सेदारी बेचने से मिली रकम पर बने कैपिटल गेंस टैक्स भी शामिल है। सचिन के पार्टनर और फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने भी वॉलमार्ट को अपनी हिस्सेदारी बेची थी, लेकिन उन्होंने अभी यह खुलासा नहीं किया कि फ्लिपकार्ट के शेयर बेचने से उन्हें कितनी रकम मिली। आयकर विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों के मुताबिक, सचिन और बिन्नी बंसल ने अब तक नहीं बताया कि उन्हें फ्लिपकार्ट की बिक्री से कुल कितनी कमाई हुई है। उन पर कितना कैपिटल गेन्स टैक्स बनता है और टैक्स चुकाने का फॉमूला क्या है। आयकर विभाग ने सचिन और बिन्नी बंसल के साथ-साथ फ्लिपकार्ट की हिस्सेदारी बेचने वाले अन्य शेयरधारकों को भी नोटिस भेजकर शेयरों की बिक्री से मिले धन का हिसाब मांगा था।
फ्लिपकार्ट का रजिस्ट्रेशन सिंगापुर में हुआ है। 9 मई, 2018 को वॉलमार्ट द्वारा खरीदे जाने से पहले सॉफ्टबैंक और ईबे फ्लिपकार्ट में बड़े शेयर होल्डर थे। सॉफ्टबैंक और ईबे पर अधिकतम 40 प्रतिशत का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है, लेकिन सिंगापुर के साथ भारत के हुए दोहरे कर मुक्ति समझौते (डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट) से इसके 20 प्रतिशत तक सीमित रहने की संभावना है।
बता दें कि वॉलमार्ट ने पिछले साल 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली थी। इसके कुछ महीने बाद उसने आयकर विभाग को 7,439.40 करोड़ रुपए का विदहोल्डिंग टैक्स चुकाया था। जिसके बाद विभाग ने वॉलमार्ट से पूछा था कि वो फ्लिपकार्ट के सभी 46 विदेशी शेयरधारकों की डीटेल दे और बताए कि हर एक को इस सौदे से कितना कैपिटल गेन हुआ है।
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