नई दिल्ली। चुनावी साल 2019 के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू देकर अपने मिशन इलेक्शन की शुरुआत कर दी है। इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मुद्दे पर बात की। इनमें राम मंदिर, राफेल, सीबीआई विवाद समेत सभी बड़े मुद्दे शामिल रहे। मोदी ने इस दौरान कांग्रेस पर भी जमकर वार किया और बताया कि 2019 के लिए एजेंडा क्या होगा। जिन 10 बड़े सवालों ने मोदी सरकार के कार्यकाल में सुर्खियां बटोरीं उन सभी पर प्रधानमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया…
1. राफेल डील में गड़बड़ है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- राफेल पर जो भी आरोप हैं वह मेरे ऊपर व्यक्तिगत नहीं हैं, सरकार पर हैं। अगर मेरे ऊपर कोई आरोप है तो वह खोजबीन कर निकाल सकते हैं। मैंने इस मुद्दे पर संसद और सभाओं में विस्तार से बोला है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मसला पूरा क्लियर कर दिया है, कोर्ट ने बाल की खाल निकाल दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने भी जवाब दिए हैं, सामने वाले व्यक्ति को आरोप सिद्ध करने चाहिए। सिर्फ पत्थर मारकर भागना नहीं चाहिए।
2. इतने अधिक विदेशी दौरे क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- सभी प्रधानमंत्रियों की इतनी ही यात्रा होती हैं, बहुत से ऐसे सम्मेलन होते हैं जिनमें जाना जरूरी होता है। अगर प्रधानमंत्री के लेवल से कम का व्यक्ति कोई जाए तो बात दब जाती है। मेरा हिसाब ये है कि अगर एक देश जाता हूं तो साथ वाले भी दो-तीन चला जाता हूं, इससे समय-पैसा दोनों बचता है। पहले जो प्रधानमंत्री जाते थे उन्हें ना कोई वहां नोटिस करता था, ना ही यहां पर नोटिस करता था।
3. सर्जिकल स्ट्राइक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। स्ट्राइक होने के बाद किसी मंत्री और प्रधानमंत्री ने बयान नहीं दिया था। सेना के अफसर ने जानकारी दी, हमने पहले पाकिस्तान को बताया फिर देश को बताया। लेकिन उसी दिन कुछ नेताओं ने शक खड़ा किया है, जो पाकिस्तान बोल रहा था वही हमारे देश के लोग भी दे रहे थे। आपने देश की सेना के लिए अनाप-शनाप बोला, पहले ही दिन बयानबाजी हुई. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मेरे भीतर एक आक्रोश था, मैं बेचैन था।
4. तीन तलाक बिल-सबरीमाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- अधिकतर इस्लामिक देशों में तीन तलाक नहीं है, यानी ये धर्म का हिस्सा नहीं है। ये सिर्फ लिंग भेदभाव का मामला है। अगर सबरीमाला की बात की जाए तो देश में कुछ मंदिर हैं जहां पुरुष नहीं जाते या महिला नहीं जाती हैं। सबरीमाला के मसले पर महिला जज की बात भी सुननी चाहिए।
5. संवैधानिक संस्थाएं पर दबाव बनाती है सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- कांग्रेस को इस मामले में बोलने का हक नहीं है, पीएमओ के खिलाफ आपने (कांग्रेस) एनएसई ना दिया था। कैबिनेट के निर्णय को पार्टी का नेता फाड़ दे, प्लानिंग के लोगों को जोकरों का बंच कहा था।
सीबीआई में विवाद एक व्यक्तिगत मामला है, हमनें दोनों को छुट्टी पर भेज दिया। अगर आरबीआई मामले की बात करें तो उर्जित पटेल ने खुद अपनी मर्जी से पद छोड़ा, 6 महीने से कह रहे थे. उन्होंने शानदार काम किया।
6. किसान कर्ज माफी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- झूठ बोलना और लोगों को भ्रमित करना एक लॉलीपोप ही है। कांग्रेस ने सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया। जो बैंकों का लूटकर मौज करते थे, हम कानून बनाकर उनसे 3 लाख करोड़ वापस लाए। अगर कर्जमाफी से किसान का भला होता है तो होना चाहिए। पहले भी ऐसा हुआ है लेकिन फिर भी क्यों किसान कर्जदार होता है। किसान को मजबूत करना जरूरी है।
7. क्या खत्म हो गई मोदी लहर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- विपक्षी ही मोदी मैजिक, मोदी लहर को स्वीकारते हैं। कुछ लोग 2013 में भी कहते थे कि मोदी कुछ नहीं कर सकते, वहीं कुछ लोग आज भी यही कह रहे हैं। लहर सिर्फ जनता की आशाओं की होती है।
8. राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाएगी सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- तीन तलाक बिल पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है, राम मंदिर पर भी हम संविधान के मर्यादा काम करेंगे। 70 साल तक सरकार में बैठने वाले लोगों ने इसे रोकने का काम किया है। आज मामला फैसले के किनारे पर है। कांग्रेस के वकील इस मसले को आगे ना बढ़वाएं. न्यायपालिका की प्रक्रिया पूरे होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी जो होगी हम पूरा प्रयास करेंगे।
9. गांधी परिवार पर कार्रवाई?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- कुछ लोग जमानत पर हैं, जो जमानत पर है वो सैर कर सकते हैं। देश की फर्स्ट फैमिली जिनको बोला जाता है आज वो जमानत पर घूम रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री रोजाना अदालत के चक्कर काट रहे हैं। सिर्फ बीजेपी का विरोधी होने के नाते कुछ कार्रवाई नहीं होगी।
10. कांग्रेस मुक्त भारत का मिशन हुआ अधूरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब- कांग्रेस के लोग ही कहते हैं कांग्रेस एक सोच एक कल्चर है। मुख्य धारा में लंबे समय तक एक कल्चर रहा, उसे बदलने की जरूरत है। इसमें जातिवाद, परिवारवाद, भाई भतीजावाद शामिल है। हम इसी से मुक्ति दिलाने की बात करते रहे हैं।
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