नई दिल्ली। केन्द्र सरकार आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश करेगी। लोकसभा में ये बिल पास हो गया है, लेकिन सरकार के सामने चुनौती है कि इसे राज्यसभा में पास कराए। राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है यही कारण है कि मोदी सरकार के लिए यहां बड़ी मुश्किल है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की मांग है कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, इस मुद्दे पर उन्होंने राज्यसभा के चेयरमैन को चि_ी भी लिखी है। राज्यसभा में बिल दोपहर दो बजे पेश हो सकता है।
राज्यसभा में बहुमत में विपक्ष अब एकजुट होता दिख रहा है, बिल के पेश होने से पहले ही करीब 12 राजनीतिक दलों ने सभापति वेंकैया नायडू को चि_ी लिख इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है। इन 12 पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, ञ्जरूष्ट, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं।
केन्द्र सरकार के लिए बड़ा झटका ये भी है कि इन 12 दलों में तमिलनाडु की एआईएडीएमके भी शामिल है। जो अभी तक मोदी सरकार के समर्थन में मानी जा रही थी। नियमों के मुताबिक, तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में चर्चा से पहले चेयरमैन इस प्रस्ताव की जानकारी सदन को देंगे।
पीएम मोदी ने बुलाई बैठक
तीन तलाक बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी समेत अन्य बड़े नेता भी मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा में ट्रिपल तलाक पर वोटिंग के दौरान एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू गैर मौजूद रहेगी।
तीन तलाक बिल के मुद्दे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जिन दलीलों का जिक्र लोकसभा में दिया उसके आंकड़ें नहीं दिए, उम्मीद है कि वह राज्यसभा में आंकड़ों के साथ अपनी बात रखेंगे।
विरोध करेगी आम आदमी पार्टी
वहीं, आम आदमी पार्टी भी सदन में तीन तलाक बिल का विरोध करेगी। आप सांसद संजय सिंह का कहना है कि जब पिछले साल ही ये बिल राज्यसभा में आ चुका है तो सरकार इसे फिर कैसे ला सकती है। जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को खत्म कर ही दिया गया है तो फिर इसे आपराधिक श्रेणी में क्यों रखा गया है।
राज्यसभा में आसान नहीं राह
गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन राज्यसभा में संख्या की बात की जाए तो इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं. वैसे, तो राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की ताकत बढ़ी है, लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास 97 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं।
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