1. पीवी सिंधु के लिए साल कई मायनों में अहम रहा। वह भले ही कई टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंची लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर पाई लेकिन साल के अंत में उनकी ऐतिहासिक जीत ने सारे मलाल खत्म कर दिए। सिंधु बीडब्ल्यूएफ फाइनल्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। इसके अलावा एशियन गेम्स में भी मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय बनी।
2. पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरीकॉम ने इस साल एक और जीत के साथ सारे रिकॉर्ड तोड़कर अपनी बादशाहत कायम की। मैरीकॉम ने अपने लोगो के सामने दिल्ली में रिकॉर्ड छठवी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। 35 साल की उम्र में उनकी इस जीत से लोग हैरान के साथ-साथ गर्व कर रहे थे।
3. भारत के लिए इस साल टेबल टेनिस में एक नया नाम उभरा। मनिका बत्रा, दिल्ली की इस पैडलर ने इस साल देश को की मेडल जीताकर अपना नाम बनाया। 22 साल की मनिका कॉमनवेल्थ में चार गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने एशियम गेम्स में भी ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल देश की झोली में डाला।
4. रत की हिमा दास ने इस साल बतौर एथलीट खुद को साबित किया। असम के एक छोटे से गांव की हिमा ने ट्रैक इवेंट में देश को गौरव करने का मौका दिया। एशियन गेम्स में 400 मीटर में उन्होंने देश को ऐतिहासिक मेडल दिलाया। उन्हें इस साल अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
5. स्वपना बर्मन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हेपथलॉन में देश को गोल्ड मेडल जीताकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय थी। उन्होंने इस रेस में 6026 अंक हासिल किए। छह हजार से ज्यादा अंक हासिल करने वाली वह पांचवीं महिला एथलीट थी। 12 उंगलियां और गरीबी से जूझ रही स्पना के लिए यह उपलब्धी आसान नहीं थी।
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