जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार को 3 सक्रिय नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित सभी माओवादी जनमिलिशिया सदस्य हैं और छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं।
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा एवं डीआईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि बस्तर रेंज में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन पर भारी दबाव बना हुआ है। जिसके चलते समाज की मुख्यधारा में जुडऩे 3 नक्सली सदस्यों माड़वी बुधरा निवासी पोलमपल्ली क्षेत्र, करनम रामा निवासी एर्राबोर क्षेत्र और लेकाम मासा निवासी जगरगुंडा क्षेत्र द्वारा सुकमा पुलिस के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली माड़वी बुधरा वर्ष 2007 में दंतेवाड़ा जेल ब्रेक, वर्ष 2008 में थाना पोलमपल्ली क्षेत्रांंतर्गत ग्राम इत्तागुड़ा में आम नागरिक की हत्या, वर्ष 2010 में थाना पोलमपल्ली क्षेत्रांतर्गत अरमपल्ली के पास पुलिस गश्त पार्टी पर फायरिंग, ग्राम गोरगुंडा में आम नागरिक की हत्या, वर्ष 2018 में थाना पोलमपल्ली क्षेत्रांतर्गत ग्राम वरदेल में रोड निर्माण में लगे वाहनों में आगजनी व ग्राम पालामडग़ू में आम नागरिक से मारपीट की घटनाओं सहित अलग-अलग कुल 12 नक्सल घटनाओं में शामिल रहा है। उक्त घटनाओं पर न्यायालय द्वारा 12 स्थायी वारंट जारी किया गया है।
श्री सिन्हा ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली करनम रामा, वर्ष 2006 में थाना एर्राबोर क्षेत्रांतर्गत सीआरपीएफ कैंप में हमला तथा सलवा जुडूम कैंप सहित 220 घरों में आगजनी की घटना में शामिल रहा, जिसमें 33 ग्रामीण एवं एसपीओ मारे गए तथा 20 ग्रामीण घायल हो गए थे।
उक्त घटना पर न्यायालय द्वारा 1 स्थयी वारंट जारी किया गया है। इसी प्रकार आत्मसमर्पित नक्सली लेकाम मासा भी अपने क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान विभिन्न छोटी-बड़ी नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत सहायता प्रदाय की गई है।
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