रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सरकार पनामा पेपर्स मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद बेटे अभिषेक सिंह की भूमिका की जांच कराएगी। साथ ही पूर्व की सरकार में हुए भ्रष्टाचार के सभी मामलों की भी जांच कराई जाएगी। इस पर बहुत जल्द आधिकारिक निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पनामा पेपर्स में नाम होने की वजह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ की कुर्सी जा सकती है तो फिर अभिषेक सिंह की जांच क्यों नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का मुख्य उद्देश्य ‘राजनीतिक साजिश’ का खुलासा करना है।
जब 23 मई और 24 मई, 2013 को परिवर्तन यात्रा में शामिल नेताओं को सुरक्षा दी गई तब 25 तारीख को सुरक्षा क्यों हटा ली गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली फौरन वहां से निकल जाते हैं।
यह पहली घटना है जिसमें पूछा गया कि नंदकुमार पटेल कौन है, दिनेश पटेल कौन है, महेंद्र कर्मा कौन है। जैसे ही वो लोग मिले वे गोलीबारी बंद कर दी। इसलिए उनका उद्देश्य केवल इन नेताओं को मारना था। इसका मतलब यह है कि यह एक साजिश थी।
बघेल ने कहा कि फिलहाल बस्तर क्षेत्र से सुरक्षाबलों की वापसी नहीं होगी। पिछले 15 वर्षों में कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा पैरामिलिट्री फोर्स यदि कहीं है तो वो बस्तर में है। इसके बावजूद नक्सली समस्या खत्म नहीं हुई है। इससे निपटने का दूसरा रास्ता सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक है और इसके लिए प्रभावितों से बात की जानी चाहिए। फिलहाल सुरक्षाबलों को हटाना नुकसानदायक हो सकता है।
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