झूठी जानकारी देकर बनवाया BPL तो होगी FIR, जाना पड़ेगा जेल, नई गाइड लाइन जारी…पढ़े पूरी खबर
नई दिल्ली। फर्जी जानकारी देकर बीपीएल में अपना नाम दर्ज करवाने वालों की अब सलाखों के पीछे जाएंगे। सरकार ने बीपीएल गाइडलाइन्स में व्यापाक बदलाव किया है। गलत जानकारी देकर लाभ हासिल करने वालों को जेल भी हो सकती है। अपात्र लोगों को बीपीएल से बाहर निकालने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन तैयार की है। सरकार धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी। सरकार ने नया नियम बनाया है कि जो भी परिवार बीपीएल में आता है, उसके मुखिया को एक शपथपत्र देना होगा। वीरेंद्र कंवर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज का कहना है कि लोगों को यह बताना होगा कि जो जानकारी दी गई है वह सही है। अगर बाद में यह जानकारी गलत निकलती है तो परिवार के मुखिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार की भी कोशिश है कि कोई भी परिवार केवल बीपीएल न रहे, इसलिए ऐसे परिवारों को आजिविका मिशन से भी जोड़ा जाएगा। अक्सर देखा गया है कि प्रदेश में जो लोग अमीर हैं वो अपने प्रभाव से बीपीएल में नाम दर्ज करवा देते हैं. यहां तक कि कई पंचायत प्रतिनिधि भी बीपीएल में सस्ते राशन और नौकरी के लालच में अपने परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज करवा चुके हैं, जिससे पात्र लोग लाभ से वंचित हो जाते हैं।
ये हैं नई गाइडलाइन्स
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- परिवार के पास न हो दो हेक्टयर असिंचित और 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि।
- परिवार में कोई भी आयकर दाता न हो।
- परिवार की कुल मासिक आय 2500 रुपये से अधिक न हो।
- परिवार वेतन पेंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी या और व्यवसाय से कुल इतनी ही इनकम हो।
- परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी, गैर सरकारी नौकरी में न हो।
- बीपीएल परिवार के एक सदस्य का मनरेगा में 20 दिन कार्य अनिवार्य।
- बीपीएल परिवार का एक सदस्य आजिविका मिशन और ग्रामीण कौशल योजना से जुड़ा हो।
- नया परिवार तीन वर्ष तक बीपीएल में नहीं आ सकता।
- अविवाहित लोगों का परिवार बीपीएल के लिए मान्य नहीं होगा।
- अगर इन नियमों को कोई परिवार पूरा नहीं करता है तो उसका नाम बीपीएल से काटा जाएगा।
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