अंजय यादव कोंडागांव। घर से अकेली निकलने वाली छात्राओं के माता-पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से राज्य माध्यमिक शिक्षा मिशन ने छात्राओं को सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया है, ताकि जरूरत पडऩे पर वे अपनी रक्षा स्वयं कर सकें।
बालिका सशक्तिकरण की दिशा में शासकीय स्कूलों में छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी तारतम्य में अंचल के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और 100 सीटर कन्या छात्रावास की बालिकाओं को संयुक्त रूप से सुरक्षा, आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट प्रशिक्षक नीलेश कोंडे द्वारा मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
दस दिवसीय प्रशिक्षण में दोनों संस्थाओं की करीब 200 छात्राओं को कई दांवपेंच जैसे – सामने व पीछे से बाल पकडऩा, पीछे से दोनों हाथों को पकडऩा, एक हाथ व दोनों हाथों की कलाई पकडऩा, गर्दन दबाने पर बचाव करना, अटैक के तरीके, हाथ, मुंह पर प्रहार करने के तरीके आदि आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं।
बेटियां अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं और आत्मरक्षा के लिए छात्राओं के साथ ही हर एक को मार्शल आर्ट सीखना चाहिए। पारंपरिक खेलों के साथ साथ यह कला छात्राओं के जीवन में हमेशा काम आएगी। इस दौरान मौजूद ट्यूटर गीता विश्वकर्मा ने कहा, हमारी बेटियां शारीरिक और मानसिक तौर इतनी सशक्त हो जाए ताकि घर से बाहर निकलने पर वे अपने ऊपर आने वाली मुश्किलों का सामना विपरित परिस्थितियों में भी कर सके।
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