अंजय यादव कोंडागांव। नन्हे बच्चों की शारीरिक विकास के लिये पौष्टिक खानपान जरूरी है पर इसके साथ-साथ उनकी बौद्धिक मानसिक क्षमता में भी बराबर बढ़ोतरी होनी चाहिए। खिलौने के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा है खिलौने न केवल बच्चे के मनबहलाव के साधन है
बल्कि इसके साथ वे बच्चों के सोचने समझने की शक्ति में वृद्धि करते है कहने का तात्पर्य है कि हर बच्चे के सर्वांगीण स्वस्थ विकास के लिये सही पोषण, खेलकूद, मनोरंजन के साधन की अहमियत है, जिले में जिला प्रशासन की पहल पर पहले ही पुराने जिला अस्पताल को सुपोषण केंद्र का स्वरूप दिया जा चुका है
जहां जिले भर के कुपोषित बच्चों को ला कर उनका समुचित उपचार एवं सुपोषित करने का अभियान जारी है। इसी क्रम में 17 दिसंबर को कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने नए जिला अस्पताल के मातृत्व व शिशु अस्पताल अंतर्गत सुपोषण केंद्र में बच्चों के लिए प्ले रूम का शुभारंभ किया।
इस प्ले रूम को बच्चों के पसंदीदा खेल खिलोने के साथ साथ ज्ञानवर्धक रंग-बिरंगे चित्र से सुसज्जित किया गया है। मौके पर कलेक्टर ने कहा कि जिले में कुपोषण से लडऩे के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है और इसके सार्थक परिणाम भी मिले है।
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