रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के ठीक बाद मंत्रिमंडल के गठन की तैयारियां तेज हो जाएंगी। 90 सीटों वाले विधानसभा में बाध्यतता के चलते केवल 13 ही विधायक मंत्री बन सकते हैं, ऐसे में 68 विधायकों में से केवल चुनिंदा और वरिष्ठ विधायकों को ही मंत्री पद किया जाना है। ऐसे में प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी विधायकों का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
राज्य में स्पष्ट बहुमत लाने के बाद राज्य सरकार के मुखिया के रूप में आज भूपेश बघेल पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने वाले हैं। मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद अब मंत्रिमंडल के गठन की तैयारियां भी तेज हो जाएंगी। इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव के पूर्व ही घोषणा कर दी थी कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही दस दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा।
हालांकि प्रशासनिक स्तर पर कांग्रेस के घोषणाओं पर अमल लाने की कवायद चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शुरू कर दी गई थी। लेकिन प्रशासनिक तैयारियों के बाद भी मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बिना यह संभव नहीं है।
लिहाजा मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के बाद जितनी जल्द हो सके, मंत्रिमंडल का गठन भी किया जाएगा। मंत्रिमंडल के गठन के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में राज्य के किसानों के कर्ज माफी के प्रस्ताव पर मुहर लगनी है।
इसके अलावा धान के समर्थन मूल्य को 2500 रूपए करने और अन्य घोषणाओं पर त्वरित अमल करने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल का गठन करना जरूरी है। इधर जानकारों की माने तो आज मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद मंत्रिमंडल के गठन की तैयारियां तेज हो जाएंगी।
माना जा रहा है कि मंगलवार-बुधवार तक मंत्रिमंडल के नए सदस्यों के नाम भी स्पष्ट हो जाएंगे। इतना तो तय माना जा रहा है कि राज्य के पुराने और अनुभवी विधायकों को सबसे पहले मौका मिलेगा, ताकि उनके अनुभवों के आधार पर राज्य सरकार अपना कामकाज प्रभावी ढंग से प्रारंभ कर सके।
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