रायपुर। राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश भर में बैमौसम बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रविवार शाम से ठंडी हवाओं के साथ बारिश हो रही है। आज सुबह कहीं-कहीं पर तेज बारिश हुई। तेज हवा चलने से लोगों को ठठुरन महसूस हो रही है।
ज्ञात हो कि पिछले तीन दिनों से राजधानी सहित प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम बदलने के कारण तापमान में जबरदस्त गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है।
शनिवार को भी दिनभर बादल छाए रहे। सुबह ठंडी हवाएं चलती रही। ठंडी हवाएं चलने का सिलसिला शाम तक जारी रहा। इससे दिनभर ठिठुरन भरी ठंड का अहसाह लोगों को होता रहा और तापमान भी शुक्रवार की तरह रहा। छत्तीसगढ़ में लगातार मौसम में बदलाव चक्रवाती तूफान पैथाई की वहज से हो रहा है।
मौसम विभाग की मानें तो फेथई तूफान सोमवार को आंध्रप्रदेश के तट से टकराएगा। जिससे प्रदेश के तापमान में और अधिक गिरावट की संभावना है। राजधानी रायपुर सहित ओडिशा सीमा से लगे जिलों में तूफान का असर तीन दिन से ही देखने को मिल रहा है। शनिवार देर शाम से ही प्रदेश में तेज ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो गई और रविवार को पूरा मौसम ही परिवर्तित हो गया।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को तूफान के आंध्रप्रदेश के समुद्री तट में टकराने के बाद और बदलाव आने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में बादल छाए रहेंगे। वहीं कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई।
चक्रवाती तूफान ‘फेथाई’ जल्द आंध्र प्रदेश के तटों से टकराने वाला है और इसके चलते सोमवार को ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है।
यहां मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि रविवार को राज्य के कई हिस्सों गजपति, गंजम, रायगढ़ा और कालाहांडी में आसमान में घने बादल छाये रहे, जबकि चक्रवात के प्रभाव से वहां भारी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, नबरंगपुर, कालाहांडी, कंधमाल, नौपदा, बारागढ़, बालनगीर, झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में सोमवार को जबरदस्त बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात के गंभीर तूफान में बदलने की आशंका है और यह उत्तर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर मुड़़ जायेगा तथा सोमवार दोपहर तक ओंगोल एवं काकीनाड़ा के बीच आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा।
मौसम का असर खेती पर
बेमौसम बारिश के चलते किसान परेशान हैं। किसान अभी धान की कटाई कर मिसाई में लगे हुए हैं। किसानों का फसल अभी खलिहान में ही है। बारिश की वजह से किसान मिसाई छोड़ सफल को सुरक्षित रखने जुगत करते रहे।
अधिकांश किसान हारवेस्टर से कटाई कराए हैं। सफल को खलिहान में फैलाकर सुखा रहे हैं। टोकन नहीं मिलने की वजह से किसान धान को सुसाईटी भी नहीं ले जा पा रहे हैं। खलिहान में पड़े फसल को ढकने के लिए कल से किसान बारदाना तलाश रहे हैं।
हजारों क्विंटल धान खुले में
सोसाइटियों में इन दिनों समर्थन मूल्य पर खान की खरीदी चल रही है। भारी तादात में धान सोसाइटियों में जाम है। कहीं-कही तो उठाव नहीं होने से धान रखने की जगह भी नहीं है।
पर्याप्त बारदाने नहीं होने से खुले आसमान के नीचे रखे धान को ढका नहीं गया है। बारदाने से जहां ढका हुआ है वह पर्याप्त नहीं है। उपर को ढक कर छोड़ दिया गया है। चारों तरफ से धान भीग रहे हैं।
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