रायपुर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही भाजपा सरकार के समय से जमे अधिकारियों और एकाधिकार चलाने वाले अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। दर्जनभर से अधिक शासकीय अफसर अपनी कुर्सियां खतरे में देख रहे हैं।
राज्य के शासकीय विभागों में इन दिनों यह चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा के शासनकाल में जिन अफसरों ने एकतरफा काम किया, अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहे और भाजपा के एजेंटों के रूप में काम करते रहे, अब उन पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के ठीक पूर्व भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने राज्य के ऐसे चुनिंदा अफसरों को आगाह किया था कि वे अपनी हरकतों से बाज आ जाएं और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, अन्यथा कांग्रेस की सरकार बनते ही ऐसे अफसरों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
पीसीसी प्रमुख भूपेश बघेल ने भी एक बयान में यह कहा था कि राज्य में गिने-चुने अफसर जो कि उच्च पदों पर आसीन हैं, भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे अफसरों को सचेत हो जाना चाहिए और विधि सम्मत कार्य करना चाहिए।
कांग्रेस नेताओं के इन बयानों का ऐसे अफसरों पर कोई असर नहीं हुआ और चुनाव के पूर्व तक वे अपना एकाधिकार चलाते रहे। अब उनके महकमे में यह बात तेजी से फैल गई है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही उन अफसरों पर गाज गिरना तय है।
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा था कि राज्य में ईमानदार अफसरों की कमी नहीं है, केवल कुछ चुनिंदा अफसर ही भाजपा एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में ईमानदार अफसरों को डरने की जरूरत ही नहीं है, वे जिस तरह से आज तक ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे।
अधिकांश शासकीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों के बीच चर्चा का प्रमुख विषय यही है कि कांग्रेस सरकार की गाज किन-किन अफसरों पर गिरनी तय है। दूसरी ओर पीसीसी प्रमुख ने यहां तक कहा है कि कांग्रेस की सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी, जो भी दोषी होंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई होनी तय है।
यह भी देखे: छत्तीसगढ़ विधानसभा में दिखेंगे 41 नए चेहरे…देखें ऐसे कौन-कौन से विधायक हैं जो जीत कर पहली बार पहुंच रहे सदन…
Add Comment