आज यानी 13 दिसंबर को टूटते सितारों की बारिश होने वाली है। इसे जेमिनिड मीटियोर शॉवर (Geminid Meteor Shower ) कहा जाता है। Geminid Meteor Shower के दौरान कई तारे धरती पर बरसते हुए दिखाई देते हैं। उल्कापात या मीटियोर की ये बारिश सालना प्रक्रिया है. यह हर साल दिसंबर में होती है। इस साल ये नजारा 13 दिसंबर को लगभग दुनिया के हर कौने में नजर आएगा जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
कैसे देख सकते हैं ये नजारा?
जो लोग इस नजारे को देखना चाहते हैं उन्हें शहर से दूर किसी खुली जगह पर जाना होगा। इसमें खास बात ये है कि आपको इस नजारे को देखने के लिए किसी टेलीस्कोप और बायनोकुलर की जरूरत नहीं होगी। अगर मौसम साफ रहा तो आप इस नजारे को आसानी से देख सकेंगे।
कैसे होती है ये उल्कावृष्टि
दरअसल यह उल्कावृष्टि ‘फैथॉन’ (Phaethon) नाम के एस्ट्रॉयड के कारण होती है। दिसंबर में पृथ्वी का रास्ता, 3200 ‘फैथॉन’ एस्टरॉयड के रास्ते को काटता है। इस एस्टरॉयड का कभी पहले किसी वस्तु से टकराव हुआ था, जिसके कारण इसके कण पृथ्वी के रास्ते के इस मोड़ पर मौजूद होते हैं।
इनमें से छोटे कण गुजरती पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं और जल उठते हैं। इससे ऐसा मालूम होता है जैसे सितारे टूट कर गिर रहे हो।
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