कोंडागांव। वीर नारायण सिंह चौपाटी मैदान में 10 दिसंबर की दोपहर सर्व आदिवासी समाज के द्वारा प्रथम शहादत दिवस मनाया गया। सामाजिक जनों के बीच मुख्य रूप से कोंडागांव कलेक्टर नीलकंठ टीकाम प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कलेक्टर ने यहां मुख्य रूप से सामाजिक एकता और शराब बंदी-नशा मुक्ति को लेकर सार गरभित बाते कही।
साथ ही उन्होने शहीद वीर नारायण सिंह के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कलेक्टर के अलावा सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष सीआर कोर्राम, गोंडवाना समाज जिलाध्यक्ष बुध सिंह नेताम, सहायक आयुक्त गणेशराम सोरी, स्थानीय विधायक मोहन मरकाम, लखमुराम टंडन, मंगलूराम कश्यप, मुख्य नगर पालिका अधिकारी लाल सिंह मरकाम, सीएल मेश्राम, एमडी बघेल भी मचाशीन रहे।
कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने संबोधन में कहा कि, उस समय के शिक्षा विदों ने पढ़े-लिखे बुजुर्ग नौजवानों ने 1857 में यही सोचते थे हमारे देश को कैसे आजादी मिले। उसी काल में छत्तीसगढ़ में भयंकर अकाल पड़ा। अंग्रेजों द्वारा षड्यंत्र पूर्वक इस क्षेत्र के पूरे अनाज भंडार कर अपने कब्जे में ले लिया, ताकि नगर नागरिक भूखे भूख से त्रस्त होकर अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दें।
आजादी के लड़ाई में भाग न ले सके। उस समय के सोनाखान के युवा मालगुजार वीर नारायण सिंह ने के नेतृत्व में भरी गोदामों को लूट कर आम नागरिकों को बांटा गया ताकि उनकी भूख मिट सके। इसके बाद कलेक्टर ने बताया कि, इसी दौर में अंग्रेजों ने षड्यंत्र पूर्वक हमारे आदिवासी समाज के लोगों को शराब का आदी कर दिए। इंग्लैंड, अमेरिका, फ्रांस, आदि देशों में ठंडी क्षेत्र है इसलिए शराब पीते हैं, परंतु हमारे छत्तीसगढ़ को गर्म क्षेत्र है, यहां शराब का सेवन नुकसान है।
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