बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2018 में ईवीएम को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस शुरू से ईवीएम को लेकर आरोप लगाती रही है। धमतरी, बेमेतरा, दुर्ग में स्ट्रांग रूम में अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन को लेकर बवाल मच चुका है।
कांग्रेस के मुताबिक भाजपा सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। विरोध का यह स्वर हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। वीवीपैट पर्चियों के आधार पर मतगणना को लेकर कांग्रेस की ओर से महामंत्री गिरीश देवांगन ने याचिका लगाई है।
याचिका में मतगणना में पारदर्शिता का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि ईवीएम के साथ वीवीपीएट पर्ची की भी गणना हो। मामले की पैरवी अधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा करेंगे। उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 दिसंबर अगली तारीख दी है।
पीसीसी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि भाजपा सरकार बनाने के लिए मशीनों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग में की गई है। धमतरी में कई घंटे अधिकारी स्ट्रांग रूम के अंदर रहे तो बेमेतरा में लैपटॉप का इस्तेमाल करते हुए एक पुलिसकर्मी धरा गया है।
इसी तरह दुर्ग में भी मशीन के साथ छेड़छाड़ की पूरी आशंका है। कई जिलों में कई बार स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी कैमरे बंद हो चुके हैं। इससे भी कई तरह की आशंकाएं पैदा होती हैं। पीसीसी का कहना है कि इस सबको देखते हुुए कोर्ट में याचिका दायर की गई है। उन्होंने आर्टिकल 374 का उल्लेख करते हुए अदालत में गुहार लगाई है।
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