रायपुर। नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाला मामले में बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आइएएस अफसर अनिल टुटेजा और डॉ. आलोक शुक्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। स्पेशल मजिस्ट्रेट लीना दास ने दोनों अफसरों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान दोनों असफर कोर्ट में उपस्थित नहीं थे। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (इओडब्ल्यू) को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञात हो कि 15 फरवरी 2015 को एसीबी और इओडब्ल्यू ने दबिश देकर नान घोटाला उजागर किया था।
जांच के बाद 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अनिल टुटेजा और डॉ.आलोक शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट में बुधवार को दोनों अफसरों के खिलाफ एसीबी और इओडब्ल्यू ने 25 पन्नों का चालान पेश किया।
घोटाले से संबंधित सीडी, पेनड्राइव, मोबाइल और तमाम दस्तावेज भी पेश किए गए। दोनों अफसर पर अमानक चावल और नमक के गुणवत्ता की जांच किए बिना परिवहन करने और इसके एवज में कमीशन लेने का आरोप है। कोर्ट ने इसका अवलोकन करने के बाद देर शाम फैसला सुनाया।
लोक अभियोजक योगेंद्र ताम्रकार ने बताया कि सुबह एसीबी की ओर से निरीक्षक संजय देवस्थले ने 25 पन्नों का पूरक चालान कोर्ट में पेश किया। इस मामले में दोनों ही अफसरों को एसीबी और इओडब्ल्यू ने 4 दिसम्बर को नोटिस जारी किया था। उन्हें पूरक चालान पेश करते समय कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने की हिदायत दी थी।
यह भी देखे : सहेली के साथ स्कूल जा रही छात्रा की चाकू मारकर हत्या…आरोपी गिरफ्तार…
Add Comment