आत्मसमर्पण नीति से कमजोर हुआ नक्सली संगठन…ताकत बढ़ाने शुरू किया भर्ती अभियान…गांव-गांव पहुंच युवाओं को लुभाने की जुगत…

जगदलपुर। बस्तर में नक्सली अपनी ताकत बढ़ाने के लिए भर्ती अभियान शुरू किया है। नक्सली गांव-गांव पहुंच कर युवाओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। अंदरुनी इलाकों में तो बैनर-पोस्टर चस्पा तक किए हैं।
बस्तर में लगातार खुल रहे पुलिस कैंप और सरकार द्वारा चलाई जा रही आत्मसमर्पण नीति के कारण नक्सली कमजोर पड़ गए हैं। इसलिए माओवादी अपनी ताकत बढ़ाने में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। पीएलजेए सप्ताह के दौरान भर्ती अभियान को और तेज किया।
बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बलरामपुर में माओवादी गांव-गांव पहुंच युवाओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। माओवादियों के दल गांव पहुंचकर ग्रामीणों से इस लड़ाई में शामिल होने की बात कह रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ गांव में तो माओवादी ने भर्ती से संबंधित बैनर पोस्टर भी टांगे हैं।
नेतृत्व परिवर्तन के बाद बसवराजू के संगठन संभालते ही कमजोर पड़ चुके संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। आक्रामक रणनीति बताया जा रहा है। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि माओवादी लगातार कमजोर पड़ गए हैं और केवल अपनी उपस्थिति बताने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं।
माओवादी संगठन के कमजोर होने की सबसे बड़ी वजह सरकार की आत्मसमर्पण नीति को बताया जा रहा है। काफी संख्या में नक्सलियों ने सरकार पर विष्वास करते हुए आत्मसमर्पण किया है। सरकार ने भी इन्हें पुलिस का गोपनी सैनिक बना दिया।
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