छत्तीसगढ़

निगम और खनिज विभाग के झगड़े में रेत सौदागरों की चांदी

जगदलपुर। बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी से अवैध रेत उत्खनन और भंडारण के मामले में नगर निगम और खनिज विभाग वर्तमान में एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। दोनों विभागों के झगड़े का फायदा उठाते हुए रेत के सौदागर नदी के दोनों किनारों से रेत की धड़ल्ले से खुदाई कर मोटा लाभ कमा रहे हैं।
मामले में नगर निगम के अधिकारी निगम सीमा में खदान की स्वीकृति नहीं होने से इस मामले में कार्रवाई का अधिकार नहीं होने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं खनिज विभाग इसे नगरीय सीमा में होने की बात कहते हुए निगम पर सुस्त रहने का आरोप लगा रहा है। इस संबंध में नदी से लगे इलाके में रहने वाले लोगों ने बताया कि इस समय शहर में बड़े पैमाने पर सरकारी कामों के तहत नालियों का निर्माण और लोग नए मकान बना रहे हैं, जिसमें नदी की रेत का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, इसमें उनका साथ वार्ड के लोग भी दे रहे हैं।
इस संबंध में निगम आयुक्त ने बताया कि खदान की स्वीकृति को लेकर प्रस्ताव तैयार हो चुका है और इसे खनिज विभाग को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब खदान की स्वीकृति निगम को नहीं मिली है तो वह कार्रवाई कैसे करेगा यह बात खनिज विभाग के अधिकारियों को समझना चाहिए। वे अपनी जवाबदेही से पगा झाड़ रहे हैं। इधर दूसरी ओर खनिज उप संचालक के सूत्रों ने बताया कि निगम को कार्रवाई से आय भी अर्जित होती है लेकिन वह इस काम को क्यों नहीं कर रहा है यह समझ से परे है।

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