रायपुर। राजधानी के न्यू राजेन्द्र नगर स्थित अमलीडीह में नकली नोट छापने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने छापा मारकर यहां से 5 करोड़ के 2000-2000 रूपये के नकली नोटों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीएसआर मद से करोड़ों रूपये का डोनेशन उनके एनजीओ को मिलने की बात बताकर लोगों को झांसे में लेते थे।
पुलिस ने छापे के दौरान आरोपियों से 5 करोड़ रूपये के नकली नोट सहित कुछ प्रिंटेड शीट व कलर प्रिंटर, लैपटॉप, 2 मोबाइल, 1 कार व नगद 25 हजार रूपये के असली नोट जब्त किए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी निखिल कुमार सिंह और पूनम अग्रवाल काफी दिनों से रायपुर के अमलीडीह में एक फ्लैट किराए पर लेकर नकली नोट छापने का कारोबार कर रहे थे।
दोनों कई बड़ी मल्टीनेशन कंपनियों को अपने झांसे में लेकर सीएसआर की राशि हड़पते थे। अब तक तीन कंपनियों से 65 लाख एठ चुके हैं। दोनों आरोपी मल्टीनेशन कंपनियों से संपर्क कर सीएसआर मद से काम कराने झांसे में लेते थे।
बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा सीएसआर के रूप में खर्च की जाने वाली राशि दिलाने का लोगों को झांसा देते थे। सीएसआर की राशि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी व 12ए के तहत् रजिस्टर्ड एनजीओ को दिलाने की बात करते थे।
80सी व 12ए के तहत् दिए जाने वाले डोनेशन में है इनकम टैक्स से छूट मिलने का प्रावधान है। लोगों को उनके एनजीओ को मिल रहे करोड़ों के डोनेशन का भरोसा दिलाने के लिए छाप कर रखें हुए करोड़ो के नकली नोट को दिखाते थे। नकली नोटों का विडियो दिखाकर लोगों को झांसे में लेते थे।
आरोपी निखिल कुमार सिंह मूलत: पटना बिहार का रहने वाला है जो रायपुर में पिरारी सोल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड के नाम से आईसीआईसीआई बैंक के सीएसपी सेंटर का फ्रेंचायजी ले रखा है। पूर्व में वह दिल्ली में यू.पी.एस.सी. की तैयारी कर रहा था जिसमें वह सफल नहीं हो पाया, दिल्ली में ही अपने एक मित्र के माध्यम से उसे इस तरह की कार्य की जानकारी मिली जिस पर उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर यह कार्य प्रारंभ किया था।
साथ ही आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि वे अब तक 07 से 08 कंपनियों से इस कार्य के लिये संपर्क कर चुके थे जिसकी तस्दीकी की जा रही है। आरोपी डोनेशन के नाम पर अलग-अलग राज्यों के लोगों से डीलिंग करने का प्रयास कर रहे थे। आरोपी रायपुर में पिरारी सोल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड के नाम से आईसीआईसीआई बैंक के सीएसपी सेंटर का फ्रेंचायजी ले रखा है। पूनम अग्रवाल मूलत: बिलासपुर की निवासी है।
ज्ञात हो कि हर कंपनियों के पास सीआरएस मद की अलग राशि होती है। इस राशि का उपयोग सामाजिक कार्यों में किया जाता है। आरोपी फर्जी काम दिखाकर राशि एठ लेते थे।
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