छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होते ही कांग्रेस की ओर से लगातार ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें की जा रही हैं। इसे लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ के साथ ही शनिवार को नई दिल्ली में मुख्य निर्वाचन आयुक्त से भी मुलाकात की थी।
वहीं मध्यप्रदेश के एक निजी होटल में ईवीएम मशीन और सागर जिले में बिना नंबर की स्कूल बस से स्ट्रांग रूम में ईवीएम पहुंचाए जाने का वीडियो जारी करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जनादेश को पटलने की कोशिश कर रही है।
वहीं एक अन्य मामले में शुक्रवार को ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगभग एक घंटे के लिए बिजली नहीं होने की वजह से स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी और एलईडी डिस्प्ले इस अवधि में काम नहीं कर पाया।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार देखते हुए कुछ लोग स्ट्रांग रूम में ईवीएम से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग से गुजारिश है कि वो जांच करे और कड़ी कर्रवाई करे।
लेकिन अब तक ईवीएम संबंधी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग की तरफ एक ही जवाब आता रहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की ही नहीं जा सकता और इसे साबित करने के लिए आयोग हैकाथन का आयोजन भी करा चुका है। वहीं चुनाव आयोग ने भी माना है कि मध्य प्रदेश में ऐसी दो घटनाएं हुईं है जिसमें ईवीएम को लेकर नियमावली का पालन नहीं किया गया।
लेकिन आयोग का कहना है कि यह गलती प्रक्रिया तक ही सीमित है और मशीनों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। चुनाव आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मशीनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। मशीने देरी से पहुंचने के लिए नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं शुक्रवार को शाजापुर जिले में एक बीजेपी नेता के होटल में ईवीएम मशीनों के साथ अधिकारियों के वीडियो सामने आने पर भी चुनाव आयोग ने कहा कि अधिकारियों द्वारा होटल में ईवीएम मशीनों के साथ जाना नियमों की अनदेखी थी और जैसे ही खबर मिली संबंधित अधिकारियों को हटा दिया गया।
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