जंगली पहाड़ी रास्तो से गुजरने वाले ग्रामीणों को मिली नई सड़क…
कोण्डागांव। केशकाल विकासखंड का अत्यंत सीमावर्ती पहाड़ी गांव कुएमारी यू तो सुरम्य, श्रृंखलाबद्ध पहाड़ी, प्राकृतिक जल स्त्रोतो और झरनो के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन केशकाल के इन दुर्गम पहाड़ी, अत्यंत ऊंचाई में बसे ग्राम कुएं के अलावा इस क्षेत्र में चांदाबेड़ा, भण्डारपाल, माडग़ांव, कुदारवाही, मिड़ते, कुम्मुड़, बेड़मावाही, रावबेड़ा, तुतारी, उपरबेदी, उपरचंदेली जैसे गांव के जीवट निवासियों के लिए रोजाना की दिनचर्या उतना ही चुनौती पूर्ण है। नि:संदेह हर छोटे-बड़े कार्य के लिए ग्रामीणों का पहाड़ी मार्गो से गुजरकर अपने गंतव्य तक पहुंचना कठिनाई भरा है।
मुख्यालय व राष्ट्रीय राजमार्गो से अलग-थलग रहने वाले इन पहाड़ी ग्रामों के लिए पहुंचमार्ग का होना हमेशा से ही पहली आवश्यकताओं में से एक रहा है इन गांवो से मुख्य मार्गो तक पहुंचने का कोई मार्ग न होने के कारण यहां के ग्रामवासी वर्षो से जंगली पहाड़ी रास्तो के भरोसे ही 30 से 35 किमी तक एक परिक्रमा करके जनपद मुख्यालय, मुख्य बाजार हाट, जिला मुख्यालय या एनएच तक पहुंच पाते थे। इस क्षेत्र का ग्राम पंचायत धनोरा का साप्ताहिक हाट बाजार स्थानीय ग्रामवासियों की आर्थिक जरुरतों, दैनिक आवश्यकताओं, खरीदी-बिक्री का एक मात्र बड़ा केन्द्र है यहां तक भी पहुुंचने के लिए उक्त ग्रामों के ग्रामवासियों को पहले बेड़मा अथवा एनएच-30 राजमार्ग तक आना पड़ता था, उसके बाद ही वे धनोरा पहुंच पाते थे जो उनके लिए एक थकाउ सफर साबित होता था। कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने अपने पदस्थापना के बाद से ही इस वनांचल में सड़क निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी है। क्षेत्र का सघन दौरा करने के बाद स्थानीय लोगो ने उन्हें पहुंचमार्ग की आवश्यकता से अवगत कराया था जिस पर कलेक्टर ने शीध्र-अतिशीघ्र पहुंचमार्ग बनाने की बात कही थी परिणाम स्वरुप छह माह के भीतर ही कोरकोटी से बेड़मामारी तक 3.5 किमी मिट्टी-मुरुम सड़क तैयार हो गई है। सड़क बनने के बाद कुएमारी से धनोरा तक का मार्ग 3 किमी व बावनीमारी से धनोरा की दूरी मात्र 6 किमी रह गई। इस तरह अब 27 ग्राम के निवासी जहां पहले 20 से 40 किमी घूमकर ग्राम धनोरा पहुंच पाते थे अब वे मात्र 6 किमी की दूरी तय करके धनोरा पहुंच जाते है।
इस तरह 3.5 किमी का पहुंचमार्ग एक लाईफलाईन साबित हुआ है। इस तरह जिला प्रशासन द्वारा इन अंदरुनी क्षेत्रों के ग्रामों के पहुंचमार्गो को जोड़कर सीधे जिला नारायणपुर से जोड़ते हुए विकासखण्ड केशकाल के ग्राम खालेमुरवेण्ड स्थित नेशनल हाईवे तक जोडऩे की योजना है। इसी तारतम्य में 28 नवंबर को कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने कोरकोटी-बेड़मामारी मार्ग का निरीक्षण किया और बचे हुए कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान अभियंता अरुण शर्मा, आरके गर्ग, देवेन्द्र नेताम, तहसीलदार अंजय पानिग्राही मौजूद थे।
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