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धान का रकबा घटने से भारी चिंता में जिले के किसान,सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा… यह किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय…

बलरामपुर(पवन कश्यप). प्रदेश में 1दिसम्बर से समर्धन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो गई हैं लेकिन इस बार किसानों की समस्या कम होने का नाम नही ले रही हैं. जिले में सैकड़ो ऐसे किसान हैं जो वर्षों से धान बेचते आ रहे थे उनका धान का रकबा शून्य कर दिया गया है या तो कम कर दिया गया है जिससे जिले के किसान भारी चिंता में हैं.

कड़ी मेहनत और ऊंची लागत से धान पैदा कर किसान आने-पौने कीमत पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं जो उनकी लागत मूल्य से भी बहुत कम है. जिसे लेकर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम जी के प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव की अगुवाई में गुरुवार को सैकड़ो किसान जिले के कलेक्टर श्याम धावड़े जी से मिलकर ज्ञापन सौंपा.



जिसके बाद कलेक्टर ने किसानों की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल एसडीएम बलरामपुर अजय किशोर लकड़ा व तहसीलदार बलरामपुर शबाब खान से चर्चा कर किसानों की समस्याओं को हल करने का आश्वासन किसानों को दिया.

गौरतलब है कि प्रदेश में धान की खरीदी किसानों के भूमि के रकबे के आधार पर की जा रही हैं जिसके लिए वकायदा पटवारियों द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कि गई हैं लेकिन गिरदावरी में जिले के कई किसान ऐसे हैं जिनका रकबा कम या तो शून्य कर दिया गया है जिसकी वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं.

वहीं गुरुवार को बलरामपुर अनुभाग के सैकड़ो किसानों ने सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव के अगुवाई में कलेक्टर श्याम धावड़े जी से मुलाकात कर उन्हें अपनी इस समस्या से अवगत कराया है जिस पर कलेक्टर ने उनकी इस समस्या का तत्काल निराकरण करने की बात कही गई है।

वही आज रामानुज गंज तहसील कार्यालय में भी दर्जनों के संख्या में किसान उपस्थित होकर अपनी समस्याओं से तहसीलदार साहब को अवगत कराए हैं उन्हें भी किसानों को समस्या को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल निराकरण करने की आस्वासन दिया है.



नहीं हुई किसानों की समस्या का समाधन तो होगी उग्र आंदोलन- राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम के प्रतिनधि धीरज सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को वेवजह परेशान कर रही है. एक-एक दाना धान खरीदने का वादा करके सत्ता में आने वाली कोंग्रेस सरकार आज किसानों के साथ अन्याय कर रही है.

उन्होंने कहा कि जिले में सैकड़ो ऐसे किसान हैं जो किसान वर्षों से धान बेचते आ रहे थे इस बार उनका रकबा एकाएक कम कर दिया गया या तो शून्य कर दिया गया है जिससे जिले के किसान भारी चिन्ता में हैं. खून-पसीना बहाकर कड़ी एवम ऊंची लागत में धान पैदा करने वाले किसान आज आने-पौने कीमत पर बेचने को मजबूर हैं.



उन्होंने कहा कि कई ऐसे किसान हैं जो सहकारी समिति से लाखों का कर्ज ले चुके हैं परंतु आज कर्ज चुकाने के लिए उनके पास पर्याप्त धान का रकबा नहीं है जिससे कि वे धान बेचकर अपनी कर्ज चुका सकें। उन्होंने कहा कि यदि जल्द किसानों के समस्या का समाधान नहीं होता है तो जिले के किसान उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। किसानों के साथ अन्याय किसी हालत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा. हम किसानों को न्याय दिलाने के लिए किसी भी हदतक जाने को तैयार हैं।

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