कोण्डागांव। शहर में कुत्तों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक मात्र जिला अस्पताल आरएनटी की बात करे तो जनवरी माह से आज तक 680 लोगों को अपना निशाना बनाया है। इनमें मासूम से लेकर महिलाएं, बुजूर्ग व युवा भी शामिल है। लोगों ने बताया कि सड़क पर घुमने वाले आवारा कुत्ता पागल हो चुका हर आने-जाने वाले राहगीर को अपना निशाना बना रहे है। कुत्तों के आतंक से लोग इसलिए और भयभीत है क्योकि, वे यहां 10-12 के झुंड में घूम रहे है।
इसी झुंड में लोगों को निशाना बनाने वाले कुत्ते भी शामिल होते है। कुत्तो के द्वारा लगातार हमला करने से लोगों में दहशत का माहौल है और अब वे अपने बच्चों को घर के पोर्च में भी नहीं निकलने दे रहे हैं। जानकारी अनुसार, जिले में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कुत्ते को पालिका अमला यू ही आवारा छोड़ कर लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है। इधर जब से इस मामले को लेकर पालिका अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो समस्या का समाधान ढूंढ लेने की बात कहते है।
पर अधिकारियों से की गई चर्चा का परिणाम सड़क पर आवारा घुमते कुत्ते या अस्पताल में हमला से घायल होकर पहुंचे पीडि़त हकीकत बया कर देता है। ज्ञात हो कि नगर पालिका में अप्रशिक्षित स्टाफ होने से जिला मुख्यालय में कुत्ता पकड़ो अभियान नहीं चलाया जाता। ऐसे में दिन ब दिन कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसका नतीजा है कि, कुत्ते झुंड में सड़कों पर घुमते है। और एकाएक किसी को भी अपना निशाना बना देते है। वैसे इस पूरे मामले पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी लाल सिंह मरकाम ने बताया कि, अब तक कोण्डागांव में आवारा कुत्तों से निजात के लिए कुछ नहीं किया गया है।
लेकिन भविष्य में पशु धन विभाग के संयुक्त प्रयास से काउ कैचर में आवारा कुत्तों को नगर के बहार छोड़ा जा सकता है। साथ ही कुत्तों का बंधियाकरन भी किया जा सकता है। कुत्ते या अन्य जानवरों के अधिक आक्रमक होने के मामले पर पशु चिकित्सा अधिकारी उप संचालक डॉ. डीके नेताम ने बताया कि, कुत्ते या अन्य स्वानग्रुप के जानवर अगस्त-सितंबर माह में अधिक आक्रामक होते है। क्योकि इस मौसम में वे ब्रीडिंग किया करते है।
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