रायपुर। कामरेड गणपति पिछले कुछ सालों से बीमार हैं। बीमारी और बढ़ते उम्र के कारण उन्होंने महासचिव के पद छोडऩे का प्रस्ताव दिया था। साथ ही दूसरे कामरेड को महासचिव पद देने की इच्छा जाहिर की थी। इस प्रस्ताव को केंद्रीय कमेटी की 5वीं बैठक ने बारिकी से चर्चा कर अनुमोदन किया और उनके स्थान पर कामरेड बसवराजू (नंबाल्ला केशव राव) को नए महासचिव के रूप में चुन लिया।
जून 1992 में कामरेड गणपति भाकपा (माले) पीपुल्सवार के महासचिव बनाए गए थे। उस समय पार्टी बहुत-ही कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा था। कामरेड गणपति ने अगली पंक्ति में खड़े होकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। गणपति ने पार्टी में एकजुटता लाई। कामरेड गणपति 1992 से 2017 तक 25 साल महासचिव की जिम्मेदारियां निभाई।
अब कामरेड गणपति अपनी बढ़ती अस्वस्थता और बढ़ते उम्र के साथ आने वाली सीमितताओं को ध्यान में रखकर, महासचिव पद से हटकर, केंद्रीय कमेटी को और मजबूत करना चाहते हैं। केंद्रीय कमेटी ने अपने महासचिव के रूप में कामरेड बसवराजू (नंबाल्ला केशव राव) को चुन लिया।
कामरेड बसवराजू साढ़े तीन दशक से ज्यादा पार्टी में अगली पंक्ति में खड़े होकर विभिन्न पार्टी कमेटियों के सचिव के रूप में, 27 सालों से ज्यादा केंद्रीय कमेटी के रूप में और पिछले 18 साल से पोलित ब्यूरो सदस्य के रूप में नेतृत्व प्रदान किए।
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