हैदराबाद। तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने की कोशिश में जुटी है। पार्टी ने इस बाबत मस्जिदों और चर्च को मुफ्त बिजली, इमाम और पादरियों को हर महीने तनख्वाह देने सहित कई वादे किए हैं।
एक न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिमों को रिझाने के लिए कई लोकलुभावन योजनाएं शुरू करने का जिक्र कांग्रेस के घोषणा-पत्र में है। दरअसल राज्य में मुस्लिमों की आबादी करीब 12.5 फीसदी है और राज्य की 119 विधानसभा सीटों में कम से कम 42 पर वह जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इस घोषणापत्र में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर उर्दू को राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने और सारे सरकारी आदेश इस भाषा में जारी किए जाने का वादा किया है। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस सरकार राज्य में मुस्लिमों, ईसाइयों और दूसरे भाषाई व क्षेत्रीय अल्पसंख्यकों के लिए अलग से तीन वित्तीय निगम स्थापित करेगी।
कांग्रेस ने इसमें कहा है कि मुस्लिम फाइनेंस कॉर्पोरेशन के तहत मुस्लिम युवाओं को सरकारी ठेके हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके तहत घर बनाने के लिए उन्हें पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायत और गरीब छात्रों को विदेश जाकर पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये का लोन तथा विशेष रेसिडेंशियल स्कूलों और सरकारी अस्पतालों के अलावा वक्फ बोर्ड को न्यायिक शक्ति दी जाएगी।
इसके अलावा राज्य में मस्जिदों के सभी इमाम और मोअज्जिनों को हर महीने छह हजार रुपये का वेतन देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने मुस्लिमों के अलावा ईसाइयों के लिए कई वादे किए हैं, जिसमें दलित ईसाइयों को अनुसूचित जाति का दर्जा, दो बेडरूम का घर, उनके बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और चर्च के पादरियों को पांच लाख रुपये का हेल्थ व एक्सिडेंटल बीमा देना शामिल है।
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