रायपुर। राजधानी रायपुर के खनिज विभाग कार्यालय में लंबे समय से चल रहे फर्जी रायल्टी पर्ची (पिट पास) घोटाले का मास्टर माइंड विभाग के डीलिंग क्लर्क राजेंद्र कुमार गिलहरे को बताया गया है। गुरूवार को पुलिस ने न केवल उसकी गिरफ्तारी की बल्कि इस खेल में शामिल पेटी ठेकेदार समेत छह लोगों को पकड़कर आनन-फानन में देर शाम को जेल भेज दिया गया।
पुलिस का दावा है कि क्लर्क गिलहरे ने खनिज विभाग को चूना लगाने के लिए संदीप जैन को फर्जी पिट पास दिया था। संदीप ने इसे पेटी ठेकेदार अजय अग्रवाल को खपाने के लिए सौंपा। अजय ने तीन अन्य लोगों के माध्यम से इसे खनिज का परिवहन करने वालों को एक हजार रुपये से लेकर ढाई हजार रुपये में बेचा। तफ्तीश के बाद गुरूवार को विशेष अनुसंधान सेल की टीम ने गिरफ्तारी की।
पुलिस अफसरों का कहना है कि फर्जी पिट पास के जरिए शासन को करीब 17 लाख रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। हालांकि विभाग के जानकार सूत्रों का कहना है कि यह खेल विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से बीते आठ सालों से चल रहा था। यह करोड़ों का घोटाला है।
घोटाले का भंडाफोड़ होने पर अफसरों को बचाने के लिए ही विभाग की ओर से पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई। दबाव में पुलिस ने भी सारा दोष डीलिंग क्लर्क समेत छह लोगों पर मढ़ते हुए कार्रवाई की। पुलिस के मुताबिक दो महीने पहले कलेक्टर खनिज शाखा रायपुर से रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र के लिए प्रस्तुत फर्जी रायल्टी पर्ची की शिकायत एसएसपी को लिखित में की गई थी।
जांच उपरांत सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी, कूटरचित पिट पास जारी कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने की एफआइआर दर्ज की गई। बाद में केस की जांच विशेष अनुसंधान सेल को सौंपी गई। खनिज विभाग ने जांच में 206 नग चूना पत्थर रायल्टी पर्ची को प्रथम दृष्टया फर्जी होने की पुष्टि की।
फर्जी रायल्टी पर्ची में सील, मुहर का मिलान नहीं होने पर विभाग के अधिकारियों ने अधिकृत पट्टेदारों का बयान दर्ज किया। जांच में पता चला कि आरोपी आशुतोष अग्रवाल ने पेटी ठेकेदार अजय अग्रवाल से मिलकर 206 नग गिट्टी रायल्टी पर्ची के लिए आवेदन पेश किया था। साथ में आशुतोष ने शपथ पत्र, पेन कार्ड, आधार कार्ड की सत्यापित छायाप्रति पेश की थी।
संदेह के घेरे में आए पेटी ठेकेदार अजय अग्रवाल से पूछताछ करने पर पता चला कि सुबेश कुमार ने उसे पर्ची दी थी। सुबेश से पूछने पर उसने रितेश चौधरी द्वारा 206 फर्जी पर्ची देना बताया। जब रितेश से पूछताछ की गई तो उसने संदीप जैन का नाम लिया। संदीप को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर पता चला कि पूरे खेल का मास्टर माइंड खनिज शाखा का डीलिंग क्लर्क राजेंद्र गिलहरे। जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए गिलहरे को गिरफ्तार किया हैं।
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