अंडमान निकोबार के सेंटिनल द्वीप में अमेरीकी नागरिक जॉन एलन चाऊ पर संरक्षित सेंटेनलीज आदिवासियों ने तीरों से हमला कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को रेत में दफना दिया था। मामले में 7 मछुआरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
एक मछुआरे ने पुलिस को बताया- 16 नवंबर को जब अमेरिका नागरिक द्वीप पर पहुंचा तो उस पर तीरों की बौछार होने लगी। इसके बाद आदिवासी अमेरिकी नागरिक को घसीटकर बीच तक ले गए। अगली सुबह वे चाऊ का शरीर रेत में आधा दफनाते हुए नजर आए।
एक सूत्र ने बताया- अमेरिकी नागरिक चाऊ ने 14 नवंबर को भी सैंटिनल द्वीप में जाने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हो पाया था। दो दिन बाद वह पूरी तैयारी के साथ वहां गया। उस पर तीरों से हमला हुआ लेकिन फिर भी वह रुका नहीं, चलता रहा।
मछुआरों ने देखा कि आदिवासी उसके गले में एक रस्सी बांधकर उसके शरीर को घसीटकर ले जा रहे थे। मछुआरे डरे हुए थे इसलिए वहां से भाग गए लेकिन अगली सुबह लाश को तलाशते हुए समुद्र किनारे पहुंचे।
कहा जा रहा है कि चाऊ ने सैंटेनेलीज आदिवासियों के साथ दोस्ती करने की कोशिश की थी और उन्हें फुटबॉल, फिशिंग लाइन्स और मेडिकल किट जैसे तोहफे भी पेश किए थे।
पोर्ट ब्लेयर पहुंचकर मछुआरों ने एक स्थानीय प्रीचर एलेक्स को पूरा वाकया बताया जो चाऊ का दोस्त भी था। एलेक्स ने चाऊ के अमेरिका में रह रहे परिवार से संपर्क किया जिसके बाद परिवार ने मदद के लिए नई दिल्ली स्थित यूएस दूतावास से संपर्क किया।
केंद्र शासित प्रदेश में अधिकारियों ने शव की तलाश के लिए हेलिकॉप्टर से सर्च ऑपरेशन किया। हालांकि, हेलिकॉप्टर द्वीप पर लैंड करने में नाकामयाब रहा क्योंकि लैंड करने से उन पर सैंटलीज आदिवासियों का हमला हो सकता था।
एलेक्स ने बताया कि चाऊ पिछले कुछ सालों में कई बार अंडमान जा चुका था। चाऊ एक धर्म प्रचारक भी था जो सैंटनलीज लोगों को कन्वर्ट होने के लिए मनाना चाहता था।
सैंटनलीज आदिवासियों की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 40 है और ये बाहरी दुनिया से किसी भी तरह का संपर्क नहीं रखते हैं।
अगर कोई बाहरी व्यक्ति इनके क्षेत्र में प्रवेश करता है तो ये आदिवासी उस पर हमला कर देते हैं। अक्सर लोग स्थानीय लोगों को घूस देकर इन तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
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