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CG के पूर्व प्रमुख सचिव भाजपा में शामिल… छग विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी में आना चाहते थे गणेश शंकर मिश्र… अगले चुनाव से दो साल पहले नड्‌डा के सामने प्रवेश…

छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव पद से रिटायर हुए गणेश शंकर मिश्रा गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने गणेश शंकर मिश्रा को भाजपा की सदस्यता दिलाई। बताया जा रहा है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने का भी भरोसा दिया गया है।

बताया जा रहा है, गणेश शंकर मिश्रा दो दिन पहले से दिल्ली पहुंचे हुए हैं। उन्होंने बुधवार को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में पार्टी की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी से मुलाकात की। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय भी मौजूद रहे। इस दौरान उनकी पार्टी में औपचारिक प्रवेश की भूमिका तैयार हुई। आज शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने गणेश शंकर मिश्रा को पार्टी की विधिवत सदस्यता दिलाकर स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, सांसद संतोष पाण्डेय और अरुण साव उनको लेकर जेपी नड्‌डा के यहां गए थे।

गणेश शंकर मिश्रा 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहते थे। कार्यकर्ताओं में असंतोष की आशंका को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को उनको टिकट दिलाने का वादा नहीं कर पाए और गणेश शंकर ने अपने कदम पीछे खींच लिए। अब विधानसभा चुनाव से ठीक 2 साल पहले मिश्रा के भाजपा में शामिल होने से रायपुर जिले में राजनीतिक हलचल तेज होने की संभावना बनने लगी है।

राज्य सेवा के अधिकारी थे, प्रमोट होकर आईएएस बने
रायपुर के मुरा गांव में जन्मे गणेश शंकर मिश्रा मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा 1981 बैच के अधिकारी रहे हैं। पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा एसडीएम की थी। बाद में कई जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। रायपुर नगर निगम के प्रशासक के तौर पर उन्होंने अवैध कब्जा हटाने की मुहिम चलाकर कड़क अफसर की छवि बनाई। केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ला के निजी सचिव रहे। बाद में उन्हें आईएएस अवार्ड हुआ।

रमन के गोठ शुरू कराया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रेडियो वार्ता मन की बात से प्रेरित होकर गणेश शंकर मिश्रा ने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निए “रमन के गोठ’ नाम से रेडियो कार्यक्रम शुरू कराया था। उस समय वे जनसंपर्क विभाग के आयुक्त थे। आबकारी आयुक्त रहते हुए भारत माता वाहिनी नाम से स्वयंसेवकों का दस्ता बनाया था। बाद में उन्हें जल संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया। रमन सिंह के विश्वस्त अफसरों में रहे गणेश शंकर मिश्रा को रिटायरमेंट से कुछ घंटे पहले पदोन्नत कर प्रमुख सचिव बनाया गया था।

रिटायरमेंट के बाद सहकारिता निर्वाचन आयुक्त बने
रिटायरमेंट के तुरंत बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें राज्य सहकारिता निर्वाचन आयोग का आयुक्त बना दिया। 2018 में सरकार बदली तो गणेश शंकर मिश्रा विवादों में आ गए। 2019 में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर गणेश शंकर मिश्रा पर कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था, विधानसभा की समिति ने रेडियस वाटर घोटाले में गणेश शंकर मिश्रा को दोषी माना था। इसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पत्र के आधार पर सरकार ने गणेश शंकर मिश्रा को पद से हटा दिया। इसके खिलाफ भाजपा ने प्रदर्शन भी किया।

धरसीवां अथवा बेमेतरा से टिकट की फील्डिंग
बताया जा रहा है, गणेश शंकर मिश्रा 2018 के विधानसभा चुनाव में धरसीवां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वहां से तत्कालीन विधायक देवजी भाई पटेल का टिकट काटना आसान नहीं था। ऐसे में रमन सिंह ने उनसे इंतजार करने को कहा था। चुनाव में भाजपा हार गई तो उनका पार्टी में आना कुछ समय के लिए टल गया। अभी वे धरसीवा अथवा बेमेतरा से टिकट पाने के लिए फील्डिंग कर रहे हैं।

केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड में शामिल होने की भी चर्चा
बताया जा रहा है, फिलहाल तो गणेश शंकर मिश्रा की कोशिश केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड में जगह बनाने की है। इसके लिए ही वे कई बार दिल्ली का चक्कर लगा चुके हैं। कल इसी संबंध में उन्होंने भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं से बात की है।

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