नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। बुधवार को राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर अहम सुनवाई हुई।
इन याचिकाओं में शीर्ष अदालत से राफेल सौदे की कीमत और उसके फायदों की जांच कराने की मांग की गई है। केंद्र ने पिछली सुनवाई में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और उसके फायदे के बारे में कोर्ट को सीलबंद दो लिफाफों में रिपोर्ट सौंपी थी। इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल हैं।
मामले में याचिकाकर्ताओं ने सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हमने राफेल की कीमत की जानकारी साझा कर दी है, लेकिन इसको रिव्यू करना एक्सपर्ट का काम है। इसको न्यायपालिका रिव्यू नहीं कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के कहने पर एयरफोर्स के दो बड़े अफसर अदालत में पहुंचे। एयर मार्शल वीआर चौधरी, कमांडर इन चीफ ईस्टर्न कमांड आलोक खोसला कोर्ट में मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह रक्षा मंत्रालय का पक्ष नहीं सुनना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि कोई एयरफोर्स का अधिकारी आए और अपनी जरूरतों को बताया है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कुछ ही मिनटों में एयरफोर्स का अधिकारी आ रहा है।
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