
रायपुर। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किये गये संकल्प पत्र को झूठ और वायदा खिलाफी की चौथी कड़ी बताया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसके वायदे आज तक पूरी नहीं कर पायी, एक बार फिर से जनता को ठगने की नीयत से नया संकल्प पत्र जारी किया है।
भाजपा यह जानती है कि उसके संकल्प पत्र से छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास उठ चुका है, इसलिये उसने सतही और नीरस घोषणा पत्र जारी किया है। सरकार की विदाई की बेला में भाजपा द्वारा जारी किया गया संकल्प पत्र औचित्यहीन और अप्रासंगिक है, लेकिन इस संकल्प पत्र से भाजपा की बदनीयती एक बार फिर से सामने आई है।
पहले जो कहा था वह तो नहीं कर पाये अब एक बार फिर से झूठ का पुलिंदा सामने लेकर आ गये है। 2013 के संकल्प पत्र में धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. करने का घोषणा करने वाली भाजपा 2018 के विधानसभा चुनाव के लिये जारी संकल्प पत्र में धान के समर्थन मूल्य पर मुंह छुपाती नजर आ रही है।
पिछले संकल्प पत्र में पूरे पांच साल धान पर 300 रू. बोनस की घोषणा करने वाली भाजपा ने केवल चुनावी वर्ष में बोनस दिया था। इस बार के संकल्प पत्र में भाजपा ने किसानों को फूटी कौड़ी भी बोनस देने का वायदा नहीं किया है।
इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रू. प्रति क्विंटल और मक्क का समर्थन मूल्य 1700 रू. प्रति क्विंटल करने का स्पष्ट घोषणा किया है। पिछले 15 सालों से किसानों की बदहाली की जिम्मेदारी भाजपा कांग्रेस के घोषणा पत्र की नकल कर वरिष्ठ किसानों को 1000 रू. पेंशन देने का वायदा तो करती है,
लेकिन उनमें इतना भी साहस नहीं है कि वह कांग्रेस के समान 75 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 1500 रू. प्रतिमाह करने का वायदा कर पाये। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आधा दर्जन बार छत्तीसगढ़ के लिये बीमारू राज्य का प्रयोग किया यह प्रदेश के ढाई करोड़ जनता का अपमान हे। प्रचुर खनिज, जल जंगल, जमीन और वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत वाला राज्य किसी बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति को ही बीमारू नजर आ सकता है।
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