माओवादी खुद के बच्चों को पढ़ा रहे, दूसरे बच्चों को बरगला रहे

पटना। साम्यवादी सोच और दूसरे बच्चों को जनताना सरकार का सपना दिखाकर बच्चों को बरगलाने वाले नक्सली खुद के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाते और उन्हें ऐशो आराम की जिंदगी देते हैं। वे अपने बच्चों को न तो क्रांतिकारी बनने के प्रेरित करते और न ही उन्हें जंगलो में सरकार के खिलाफ लडऩे के लिए भेजते हैं। बल्कि उन्हें वे अपने से दूर रखकर महँगे स्कूलों में पढ़ाते और अच्छा जीवन देने का प्रयास करते हैं। इसके ठीक उलट नक्सलियों का पूरा नेटवर्क ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में बच्चों को माओवादी विचारधारा से जोडऩे के लिए कार्य करता है। वे ऐेसे बच्चों को अपनी गिरफ्त में लेते है, जो गरीब है उन्हें व्यवस्था के खिलाफ भड़काने का काम बखूबी किया जाता है, ताकि उन्हें क्रांतिकारी बनाया जा सके। ऐसे लोगों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए पीएमएल एक्ट तैयार किया गया है। एसटीएफ ने अब ऐसे ही नक्सली कमांडरों की संपत्ति को खंगाल रही है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि बिहार के एक नक्सली कमांडर जिसकी पत्नि शिक्षिका है उसने पत्नि के नाम से लाखों रुपए बैंक में जमा कराए है और तकरीबन 50 लाख रुपए की संपत्ति भी ले रखी है। इसके अलावा दिल्ली में भी एक फ्लैट बुक करवाया। इसी तरह जहानाबाद के प्रघुम्न शर्मा उर्फ कुंदन की भी संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रघुम्न माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी मगध जोन का प्रभारी है। एसटीएफ के मुताबिक प्रघुमन की पत्नि और भाई प्रमोद शर्मा के नाम पर लगभग 37 लाख रुपए की जमीन है। उसके दो भतीजों के नाम पर लाखों रुपए बैंक में जमा है। साथ ही 10 लाख रुपए की जमीन भी उनके नाम पर है। पिछले साल प्रघुमन ने अपनी भतीजी का दाखिला तमिलनाडु के एक मेडिकल कॉलेज में 22 लाख देकर करवाया है।
- इनकी संपत्ति होगी जब्त
रामबाबू राम उर्फ राजन नक्सली कमांडर (उत्तर बिहार) अरविंद यादव (पूर्वी बिहार, पूर्वी झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का प्रवक्ता व कमांडर) - मुसाफिर साहनी भी लिस्ट में
बिहार में एसटीएफ ने तीन नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव ईडी के पास भेजा है। इसमें उत्तर बिहार के नक्सली कमांडर मुसाफिर साहनी का नाम भी है। लेवी वसूली के जरिए उसने संपत्ति बनाई है। बताया जाता है कि वैशाली और मुजफ्फरपुर में उसने अलग-अलग नामों से कई प्लाट खरीदे हैं।