रायरपुर। थाना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सकरी के तालाब खदान के पास परमानंद चतुर्वेदी की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या का मुख्य कारण संपत्ति बंटवारा था। मृतक की चाची एवं दादी ने मिलकर 1 लाख रूपये की सुपारी देकर हत्या कराई थी।
मुख्य आरोपी उमाशंकर धृतलहरे ने धर्मेन्द्र, कैलाश एवं हरीश कुमार के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तर किया है। मृतक परमानंद चतुर्वेदी 1 माह पहले ही जेल से छूटा था। 27 अक्टूबर को उसका शव गांव के नहर किनारे टंकी पास पड़ा मिला। सिर, गर्दन, पेट एवं माथे पर चोट के निशान थे।
विधानसभा पुलिस अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश कर रही थी। घटना स्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ में आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण सूचना मिली। इसके बाद आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले गुमराह करते रहे। कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया।
मुख्य आरोपी उमाशंकर ने बताया कि मृतक परमानंद चतुर्वेदी की चाची भगवती बाई एवं दादी फूलबतिया चतुर्वेदी है। मृतक ने अपनी चाची एवं दादी को मेरा जमानत कराने क्यों नहीं आए कहकर आए दिन विवाद कर संपत्ति का बंटवारा मांगता था।
जिससे परेशान होकर मृतक की चाची एवं दादी ने मिलकर अपने रिश्तेदार उमाशंकर धृतलहरे को इस बात की जानकारी दी तथा दोनों के द्वारा परमानंद की हत्या करने उमाशंकर धृतलहरे को सूपारी दी और 1 लाख रूपये सौदा तय किया।
उमाशंकर ने अपने अन्य साथी धर्मेन्द्र, कैलाश एवं हरीश कुमार को साथ में लिया और घटना दिनांक को चारों ग्राम अमेरा में एकत्रित होकर आमासिवनी विधानसभा के पास आरोपियों ने मृतक को मकान किराए पर लेना है कहकर बुलाया तथा बातचीत में फंसाकर अपने साथ मोटरसाइकिल में बैठाकर शराब दुकान लेकर गए और शराब पिलाई।
इसी दौरान मौका पाकर योजना के मुताबिक उमाशंकर, धर्मेन्द्र, कैलाश एवं हरीश कुमार ने मिलकर परमानंद चतुर्वेदी पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। उमाशंकर ने घटना की जानकारी मृतक की चाची एवं दादी को दी ।
मृतक की चाची एवं दादी ने उमाशंकर को 1 लाख रूपये दिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किर उनके निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त चाकू, मोटर साइिकल एवं रकम 79,000 रूपये बरामद किया है।
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