रायपुर। नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ बगावती तेवर दिखाना भाजपा नेता पूरन छाबरिया को महंगा पड़ गया। पुलिस ने उन्हें नामांकन फार्म काउंटर से ही गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी को लेकर पुलिस और पूरन के बीच वारंट दिखाने के नाम पर बहस भी हुई, लेकिन पुलिस महौल को बिगड़ते देख थाना में वारंट दिखाने की बात कहते हुए पूरन को ले गई।
नेता पूरन छाबरिया पहले से ही मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लडऩे का दावा करते रहे हैं। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे वे अपने समर्थकों के साथ कलेक्टोरेट के सामने पहुंचे। वहां पर समर्थकों ने जमकर नारे लगाए। इसके बाद जब समर्थकों के साथ वे गेट के पास पहुंचे तो वहां पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना था कि नामांकन फार्म लेने के लिए पांच लोग ही अंदर जा सकते हैं। इसके बाद पूरन छाबरिया के अलावा चार अन्य समर्थकों को कलेक्टोरेट के अंदर प्रवेश दिया गया। नामांकन काउंटर के पास पहुंचकर उन्होंने रसीद ली, जिसे समर्थक ने भरा। वह भाजपा की ओर से नामांकन फार्म खरीद रहे थे।
रसीद लेने के बाद काउंटर पर बैठे अधिकारी ने उनसे वोटर आईडी की फोटोकापी मांगी। वे फोटोकापी साथ नहीं लाए थे। अलबत्ता, एक समर्थक को उन्होंने वोटर आईडी की फोटोकापी के लिए भेजा। लगभग 3 बजे वे नामांकन फार्म लेने के लिए काउंटर में पहुंचे। काउंटर पर रसीद के साथ वोटर आईडी की फोटोकापी जमा की।
काउंटर पर बैठे अधिकारी ने उनके नाम पर रसीद काटी और छाबरिया नामांकन शुल्क 10 हजार रुपए देने ही वाले थे कि इतने में कोटा एसडीओपी अभिषेक सिंह बल के साथ वहां पहुंचे और उन्हें पकड़ लिया। समर्थक देखते रह गए और पुलिस उन्हें खींचते हुए कलेक्टोरेट के बाहर ले गई।
पूरन को जब पुलिस जबरिया जीप में बिठाने लगी तो कांग्रेसी विजय पांडेय कलेक्टोरेट के अंदर पहुंचे और बीच-बचाव करने लगे, तभी पुलिस अफसर ने उन्हें बताया कि उनके खिलाफ वारंट है। इसलिए गिरफ्तार किया जा रहा है।
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