रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर निजी चिकित्सालय के चिकित्सकों को भुगतान को लेकर कई अड़चनोंं का सामना करना पड़ता हैं। इस मामले को लेकर शासन-प्रशासन को लगातार एसोसिएशन द्वारा अवगत कराया जाता हैं।
इंयिन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि एसोसिएशन के द्वारा बीमा योजना के तहत की जा रही अनियमितता और भुगतान की अपारदर्शिता के संबंध में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, वित्त सचिव, ऑडिटर जनरल ऑफ छत्तीसगढ़ को पत्र लिखा गया हैं।
जिसमें उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में कार्य कर कर रहे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भुगतान की प्रक्रिया अनियमित और अपारदर्शी रही है और पिछले 3 वर्षों में 2016 ,2017 और 2018 में ना केवल यह असंतोषजनक और अनियमित रही है बल्कि इसमें भारी अनियमितता और प्रक्रिया विहिन न होने की आशंकाए हैं।
इसकी भुगतान प्रक्रिया की विस्तृत जांच की जाए ताकि अस्पतालों का बकाया लंबित भुगतान को संतोषजनक बनाया जा सके। डॉ. गुप्ता ने बताया कि 2016 2017 और 2018 में जो भुगतान की प्रक्रिया अपनाई गई थी उसके प्रति भारी असंतोष है और बड़ी संख्या में साल के अंतिम महिने में मरीजो का भुगतान निरस्त किया कर दिया गया हैं।
इसमें प्रतिमाह होने वाली जिला स्तर की और हर 3 माह में होने वाली राज्य स्तर की मीटिंग नहीं की गई है और बिना कारण बताए अपारदर्शी तरीके से मरीजों के भुगतान को रद्द कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है कि जिला स्तर पर 2016 , 2017 ,2018 के भुगतान के संबंध में शिकायत निवारण समिति की बैठक पुन: की जाए और निरस्त प्रकरण की सुनवाई प्रक्रिया अधीन प्रणाली के अंतर्गत पुन: होने तक शासन किसी भी प्रकार की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट इंश्योरेंस कंपनी को ना दें।
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