रायपुर। तहसील कार्यालय में कार्यरत दस्तावेज लेखक मधुसूदन मिश्रा 30 सालों तक जमीन के एवज में कई लोगों से धोखाधड़ी की है। जिसकी शिकायत शहर के अधिकांश थाना में 420 का मामला पंजीबद्व है आरोपी कई बार जेल भी जा चुका है।
लेकिन एक अन्य मामलों में मधुसूदन को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया हैं। बताया गया है कि आरोपी उधार रकम देकर, रकम वापस लेकर प्रार्थियों के जमीन के कागजात एवं ऋण पुस्तिका लेकर जमीन को अपने रिश्तेदारों के नाम पर करा लेता था।
अब तक कई लोगों को झांसे में लेकर कर चुका है धोखाधड़ी। आरोपी के विरूद्ध थाना गोलबाजार में 02 प्रकरणों में धारा 420 का मामला दर्ज। एक प्रकारण में प्रार्थी अशोक कुमार वर्मा ने थाना गोलबाजार में लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत किया कि आवेदक 10-12-2002 को मधुसूदन मिश्रा से 1 लाख रूपये उधार लिया था ।
इसके एवज मे प्रार्थी अशोक कुमार वर्मा से मधुसूदन मिश्रा ने हस्तांक्षरित एवं अगूंठा निशान लगाकर कोरा स्टाम्प 4 प्रति 20-20 रूपये के दो एवं 5-5 रूपये के दो, कोरा हस्ताक्षरित चैक 5 प्रति, 5 प्रति वतन पत्र, मुजगहन स्थित भूमि का ऋण पुस्तिका एवं 02 नग फोटो ग्राफ ले लिया था ।
28-01-2004 को प्रार्थी के कथनानुसार मधुसूदन मिश्रा को एक लाख पचास हजार रूपये वापस किया था । प्रार्थी के द्वारा मांग किये जाने पर मधुसूदन मिश्रा प्रार्थी को कोरे स्टाम्प, चैंक ऋण पुस्तिका आदि वापस नहीं किया प्रार्थी उक्त आशय की सूचना दिनांक 29-10-2004 को थाना टिकरापारा में दिया था।
मधुसूदन मिश्रा प्रार्थी के विरूद्ध दशम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रायपुर के न्यायालय में ऋण की राशि के संबध मे प्रार्थी से लिय गये वचन पत्रों के आधार पर वाद दायर किया था । जिसका निर्णय दिनांक 31-08-2006 को पारित किया गया ।
न्यायालय के निर्णय मे मधुसूदन मिश्रा द्वारा प्रार्थी से कोरे स्टाम्प पेपर, कोरे कागज एवं चैंक पर हस्ताक्षर कराकर प्राप्त किया था और उक्त दस्तावेजों के आधार पर रकम वसूली का झूठा दावा पेश किया जाना प्रमाणित पाया गया है। ऐसे ही एक अन्य पुराने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया गया हैं।
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