तिरुपति। नवरात्र खत्म होते ही आंध्र प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू घोटाला सामने आया है। ब्रह्मोत्सव के बाद यह बात कही जा रही है कि कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कुछ कर्मचारियों ने मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में से 14 हजार लड्डू ब्लैक मार्केट में डायवर्ट करने की कोशिश की।
मंदिर में दर्शनार्थियों को टोकन के आधार पर लड्डू दिए जाते हैं। इस घटना से मंदिर का संचालन करने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) सकते में है। बताया गया कि नवरात्र ब्रह्मोत्सव के दौरान गरुड़ सेवा पर भक्तों की भारी भीड़ की उम्मीद में टीटीडी की ओर से मैन्युअल सिस्टम की व्यवस्था की गई थी।
ट्रस्ट का यही फैसला अब गले की फांस बन गया है। सूचना के मुताबिक, 14, 15 और 16 अक्टूबर को कुल 30 हजार टोकेन दिए गए, जिसमें सौ रुपये (चार लड्डू के लिए) वाले और 50 रुपये (दो लड्डू के लिए) वाले टोकेन शामिल थे।
काउंटर से दिए गए ये सभी टोकेन ऑनलाइन की बजाय मैन्युअल तरीके से बांटे गए थे। लड्डू प्रसादम टिकट (एलपीटी) कांउटर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों पर शक है कि उन लोगों ने पुरानी टोकेन संख्या से ही दोबारा 14 हजार ज्यादा लड्डू ले लिए, जबकि पहले उन्हीं टोकेन्स पर लड्डुओं को ज्यादा कीमत पर बेचा जा चुका था।
टीटीडी विजिलेंस टीम को मिली सूचना के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई। आरोप है कि इन लोगों ने डबल एंट्री और ड्यूप्लिकेशन के माध्यम से यह घोटाला किया। अभी भी रेकॉर्ड्स से घोटाले की तह तक जाने की कोशिश हो रही है। टीटीडी के चीफ विजिलेंस और सिक्यॉरिटी ऑफिसर टी शिव कुमार रेड्डी ने कहा कि जांच हो रही है और कुछ कर्मचारियों से पूछताछ भी हुई है।
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