दुनियाभर में सबसे ज्यादा गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब विश्व के अलग अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार के जानवरों के दूध लोकप्रिय हो रहे हैं। इसमें ऊंट, घोड़ी, भेड़ के साथ क्राकरोच का भी दूध भी शामिल है।
कॉक्रोच का दूध
कीड़े-मकोड़ों को लंबे समय से हाई प्रोटीन,लो-फैट का आहार कहा जाता रहा है। अब तो कॉक्रोच आधारित प्रोटीन पाउडर और कीड़े मकोड़ों से एनर्जी देने वाले खाद्य वस्तुएं भी तैयार हो रही हैं। हालांकि, कुछ देशों में लोगों को कीड़े मकोड़ों से अब भी परहेज है, लेकिन जो बातें सामने आ रही हैं कि उससे लगता है कि आने वाले समय में ये सुपरफूड का काम करेंगे। कीड़े-मकोड़ों के दूध को दक्षिण अफ्रीका की एक कंपनी ने सुपरफूड के रूप में बेचना और बनाना भी शुरू किया है। इस दूध में प्रोटीन बहुत है और साथ ही अच्छा फैट भी। ये लैक्टोस फ्री है।
ऊंटनी का दूध
ऊंट का दूध भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस जानवर के दूध का सेवन लोग शुष्क भूमि यानी कि मरुस्थली इलाके में करते हैं। ये ना केवल सवारी के काम आते हैं बल्कि बहुत लाभदायक दूध भी देते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि ऊंट बहुत कम खुराक लेने के बाद भी दूध देता है। इसका दूध गाय की तुलना में कहीं ज्यादा गुणों से युक्त बताया जा रहा है।
भेड़ का दूध
भेड़ के दूध का उत्पादन भूमध्य सागर के आसपास और अर्द्ध शुष्क इलाकों में होता है। भेड़ के दूध का सबसे अधिक उत्पादन चीन, स्पेन, सीरिया और ग्रीस समेत दुनिया के अन्य अर्द्ध शुष्क इलाकों में होता है। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भेडों की डेयरी तेजी से फलफूल रही है।
बकरी का दूध
गाय के बाद बकरी के दूध का उत्पादन सबसे अधिक होता है। बकरी के दूध का उत्पादन खराब मिट्टी वाले इलाकों में होता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक, अफ्रीका में बकरी के दूध का सबसे अधिक उत्पादन होता। भारत और पाकिस्तान के भी कई इलाकों में लोग बकरी का दूध पीते हुए नजर आ जाते हैं। वैसे बकरी का दूध दुनिया के कुल दूध उत्पादन का दो फीसदी है। पिछले दो दशकों में जब से लोगों का ध्यान बकरी के दूध के गुणों पर गया, तब से इसका उत्पादन 60 फीसदी तक बढ़ा है।
घोड़ी का दूध
मध्य एशियाई क्षेत्रो में लोग घोड़े के दूध का सेवन करते हैं। दरअसल, इन जगहों पर गाय और भैसें नहीं मिलती हैं. इसलिए लोग यहां घोड़े के दूध के उत्पादन के साथ उसका सेवन भी करते हैं। रूस और मध्य एशिया में घोड़ी का दूध पीने का लंबा इतिहास रहा है। ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है।
गधी का दूध
घोड़ी और गधी का दूध लगभग एक जैसा ही होता है। इस जानवर का दूध उन बच्चों के लिए अच्छा होता है जिन्हें पशु प्रोटीन से एलर्जी होती है। उन्हें गधी का दूध पीने का सुझाव दिया जाता है। इसे चिकित्सीय तौर पर ज्यादा उपयोगी माना जाता रहा है। ये क्रोनिक हेपटाइटस में काफी उपयोगी माना जाता है।
भैंस का दूध
गीले ट्रॉपिकल क्षेत्रों में भैंस के दूध का उत्पादन और सेवन किया जाता है। भैंस का दूध भारत, पाकिस्तान, चीन, मिस्र, नेपाल और म्यांमार सहित दुनिया के कई इलाकों में पाया जाता है।
याक का दूध
याक के दूध ज्यादातर ऊंचे पहाड़ी इलाकों जैसे तिब्बती पठार में पिया जाता है। याक के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व गाय और बकरी के दूध में भी नहीं होते। याक का दूध गुलाबी रंग का होने के साथ काफी गाढ़ा भी होता है। चीन और मंगोलिया में इनका दूध काफी लोकप्रिय है. ये काफी पोषक तत्वों को लिये रहता है। तिब्बत में दुनिया के 95 फीसदी याक होते हैं, वहां इसके दूध के सेवन के साथ इसका मक्खन, पनीर आदि भी बनाया जाता है।
बारहसिंगे का दूध
बारहसिंगे का दूध उत्तरी यूरेशिया और बेहद ठंडे इलाकों में काफी इस्तेमाल में लाया जाता है, खासकर ऐसे इलाके जहां गाय जिंदा नहीं रह सकतीं. इसका दूध गाय के दूध की तरह ही होता है. इसमें कैल्शियम खूब होता है लेकिन सोडियम और पोटैशियम कम.
जिराफ का दूध
जिराफ भी दूध देता है लेकिन शोध ये बताते हैं कि जिराफ का दूध बहुत ज्यादा गुणों वाला नहीं होता। हां इसके दूध का सेवन जरूर किया जा सकता है।
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