आगामी विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करना महंगा पड़ सकता है। चुनाव आयोग ने नई टेक्नोलॉजी इजाद की है। आयोग ने सी विजिल नाम का ऐसा एप तैयार किया है जिससे प्रत्याशी और समर्थकों पर आसानी से नगर रखा जा सकता है। कुछ एप उम्मीदवारों की सुविधा के लिए भी बनाए गए हैं। जिसके जरिए जुलूस, वाहन, कैंप कार्यालय खोलने आदि के लिए मंजूरी ऑनलाइन मिल जाएगी।
चुनाव आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने कई प्रौद्योगिकी एप्स की सहारा लेगा। आम लोगों को भी आचार संहिता के उल्लंघन करने वालों की सूचना देने के लिए एंड्रॉएड फोन में सी-विजिल एप विकसित किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले अब तक अतिरिक्त तस्वीरें या वीडियो जैसे साक्ष्यों की कमी के चलते बचते आए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि सी-विजिल एप से आचार संहिता के उल्लंघन करने वालों का आसानी से पकड़ लिया जाएगा। तुरंत शिकायत कर उनका निवारण भी किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति इस एप का उपयोग कर मिनटों में आचार संहिता के उल्लंघन की सजीव रिपोर्ट भेज सकेगा। पंजीकृत रिपोर्ट के मामले में इससे संबंधित व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या जारी होगी। जिससे वह अपने मामले की वर्तमान स्थिति का पता भी लगा सकेगा।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव आयोग वहां राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टैक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलैक्शन मॉनीटरिंग डैशबोर्ड और वन वे इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे एप्स का उपयोग भी करेगा।
चुनाव आयोग ने कहा कि यह सुविधा एक सिंगल विंडो सिस्टम है जो चुनाव संबंधी अनुमति या मंजूरी 24 घंटों के अंदर प्रदान करता है। उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी इस एप के माध्यम से जनसभाओं, बैठकों, जुलूसों, गाडिय़ों, अस्थाई चुनाव कार्यालय स्थापित करने और एक स्थान पर लाउडस्पीकर लगाने संबंधित अनुमति ले सकते हैं।
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