बीजापुर। स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा है कि छोटे-छोटे मुकाम तय करने से ही बड़ी मंजिल मिलती है। छोटे शहरों से ही बड़ी प्रतिभाएं निकलती हैं। यहां बीजापुर स्पोट्र्स अकादमी के बच्चों को अलंकृत करने और उनका मनोबल बढ़ाने आए सुरेश रैना ने खिलाडिय़ों को संबोधित करते कहा कि कभी भी मेहनत नहीं छोडऩा चाहिए। जिस खेल में हम हैं उसे दिल और जान से खेलना चाहिए।
उन्होंने बच्चों को कोच और गुरू के सम्मान की समझाईश देते कहा कि खेल की पूजा की जानी चाहिए। उन्होंने यहां अकादमी के बच्चों के अनुशासन की प्रशंसा करते कहा कि खेल में ये निहायत जरूरी है।
क्षेत्र की छवि जैसी सुनी वैसा कुछ भी नहीं
क्षेत्रीय विधायक महेश गागड़ा ने कहा कि देश-दुनिया की बड़ी हस्ती सुरेश रैना अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर आए हैं और दुर्गम इलाका होने के कारण पहले वे आने से हिचकिचा रहे थे लेकिन अब उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं लग रहा है। बीजापुर जिले की छवि खेल और विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की के चलते बनी है।
उन्होंने कहा कि यहां अकादमी की स्थापना की घोषणा श्रीश्री रविशंकरजी महाराज ने की थी और इसकी स्थापना के बाद से ही इसने अनेक मुकाम तय किए। नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर अकादमी के युवाओं ने नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि छग के बड़े शहरों की तरह यहां भी अकादमी को आधुनिक खेल सामग्री दी गई है ताकि जिले के युवा आगे आ सकें। उन्होंने कहा कि वे हर समय खिलाडिय़ों को संसाधन उपलब्ध कराने तैयार हैं।
इंटरनेशनल व नेशनल खिलाड़ी सम्मानित
क्रिकेटर सुरेश रैना ने अकादमी के इंटरनेशनल सॉफ्टबॉल खिलाड़ी अरूणा पूनेम, सुंनीता हेमला, सुरेश हेमला, नवीन कुंरसम, संजय कुडिय़म, रेणुका, चंद्रकला तेलम, कविता हेमला, प्रियंका हेमला, राकेश कड़ती, नीलेश मरकाम, सरिता हेमला, सनकी ताती, कविता हेमला, ज्योति हेमला, कृष्णा डोडी, तीरंदाजी में संतोष कचलाम, जूडो खिलाड़ी राजू हेमला, रोशन पुजारी, दिनेश कोरसा, दिनेश कुडिय़म, विजय तालापल्ली, राजेश कड़ती, गुंजा दुर्गम, लक्ष्मी तेलम, सविता हेमला,
ओनेश कुडिय़म, निखिल मड़वी, गोविंद कोरसा, राजू हेमला, भावना भगत, कराते वंदना गुरला, संतोष कुडिय़म, प्रकर्ष राव पतकी, दानम निशा, इंटरनेशनल फुटबाल खिलाड़ी रामाराम सोंढ़ी, विवेक मण्डावी, पॉवर लिफ्टर मोहित कुडिय़म, विकास गुप्ता, कराते प्रशिक्षक भुवनलाल नागे को ट्रॉफी प्रदान की। छह हजार किमी भारत भ्रमण 16 दिन व 16 घंटे में तय करने वाले बंशीलाल नेताम को भी सुरेश रैना ने सम्मानित किया।
कड़कनाथ खाने आऊंगा
यहां पत्रकारों से चर्चा में सुरेश रैना ने कहा कि मैं जहां रहता हूं, वह बीजापुर से भी छोटा शहर है। उन्होंने यहां अगली बार आने के बारे में कहा कि कड़कनाथ मुर्गा खाने जरूर आऊंगा।
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