रायपुर। पिछले तीन-चार दिनों से एक सीडी की चर्चा मीडिया में चल रही है और भाजपा इसे भी एक ब्रह्मास्त्र की तरह देख रही है। हमने अब तक उनके सारे हथियार भोथरे कर दिए हैं, इससे भाजपा के भीतर एक स्वाभाविक खीझ है। यह खीझ दरअसल चुनाव में दिख रही अवश्यंभावी हार से जुड़ी हुई है।
बात की जड़ प्रभारी पीएल पुनिया के उस बयान में है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने लंदन भागने से पहले विजय माल्या को वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ संसद के सेंट्रल हॉल में बैठे हुए देखा था।
पीएल पुनिया ने कहा था कि वे प्रत्यक्षदर्शी हैं और वे जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि माल्या के मामले में अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं। आज चुनाव की तिथियां घोषित हो रही है। अब तो चुनाव होंगे।
हम घोषणा करते है कि सरकार बनते ही हम न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में एसआईटी गठित करके पूरे सीडी मामले की जांच करवाएंगे। शनिवार को पत्रकारों को राजीव भवन में संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पुनिया के बारे में जो कुछ भी अफवाह उड़ाई जा रही है, वह इसी बदले की राजनीति की एक और कड़ी है। बिलासपुर में पुलिस की बर्बरता का विरोध करते हुए प्रदेश भर में जिस तरह से नरेंद्र मोदी का विरोध हुआ और काले झंडे दिखाए गए, उसने आग में घी का काम किया है।
हम जानते हैं कि इसके बाद रमन सिंह को आलाकमान से फटकार पड़ी है और निर्देश मिले हैं कि किसी तरह से भूपेश बघेल को रास्ते से हटाओ। श्री बघेल ने कहा कि अपने नेताओं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरह मुख्यमंत्री रमन सिंह भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाने की राजनीति पर भरोसा करते हैं।
अभी दो दिन पहले भी उन्होंने मेरे चुनाव क्षेत्र पाटन में कहा कि वे मुझ जैसे लोगों को निर्ममता से नष्ट करेंगे। इस निर्ममता का क्या मतलब है? पिछली बार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के नेताओं पर झीरम घाटी में जो कथित नक्सली हमला हुआ वह इसी निर्मम राजनीति का हिस्सा था।
झीरम का ब्रह्मास्त्र एक बार चल चुका, उसकी जांच न करवाने से भी उनके हाथों में लगे ख़ून के धब्बे छिपने वाले नहीं हैं। श्री बघेल ने कहा कि पिछले 15 बरसों से शासन ने उनके मन में यह दंभ भर दिया है कि वे सर्वशक्तिमान हो गए हैं। वे किसी तानाशाह की तरह हो गए हैं और उनकी सोच आपराधिक हो गई है।
इसीलिए वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गए हैं। रमन सिंह और उनके इर्दगिर्द बैठे अफसर किसी गिरोह की तरह काम कर रहे हैं और वे किसी भी तरह से मुझे रास्ते से हटाना चाहते हैं।
मेरे खिलाफ तरह-तरह के मामले मुकदमे करने के बाद वे भी जब कुछ नहीं कर पाए तो अब झुंझलाहट में वह आरोप मुझ पर मढऩा चाहते हैं, जिसमें मैं शामिल नहीं हूं, क्योंकि वे जानते हैं कि कांग्रेस को अब सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता और न कोई तरकीब भाजपा को हारने से रोक सकती है।
छत्तीसगढ़ का इतिहास बताता है कि सीडी और ब्लैकमेलिंग भाजपा का पुराना हथियार रहा है। इतने बरसों बाद समझ में आता है कि दिलीप सिंह जूदेव को जिस तरह से फंसाया गया था उसके पीछे भी तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का ही हाथ रहा होगा।
मंत्री राजेश मूणत की कथित सीडी को लेकर अब जनता के मन में कोई शंका नहीं है कि सीडी बनाने, बनवाने और उसे बांटने तक सब में भाजपा के ही नेताओं का हाथ रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के करीबी कारोबारी ही अश्लील सीडी का गिरोह चला रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय इस गिरोह में शामिल हैं।
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