नई दिल्ली। देश के करीब 194 नेताओं ने चुनाव आयोग को अपने पैन कार्ड का गलत विवरण दिया है। इनमें छह पूर्व मुख्यमंत्री, 10 कैबिनेट मंत्री, आठ पूर्व मंत्री, 54 मौजूदा विधायक, 102 पूर्व विधायक, एक पूर्व डिप्टी स्पीकर, एक पूर्व स्पीकर, एक पूर्व सांसद और एक उप मुख्यमंत्री शामिल हैं।
कांग्रेस के 72 और भाजपा के 41
ये नेता देश की 29 छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं। इनमें भाजपा के 41 नेता हैं, जिसमें 13 विधायक, 15 पूर्व विधायक, 9 मंत्री, एक पूर्व स्पीकर, एक पूर्व मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक गवर्नर शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के कुल 72 नेता हैं, जिनमें 13 विधायक, 48 पूर्व विधायक, एक मंत्री, पांच पूर्व मंत्री, चार पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व डिप्टी स्पीकर हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के 12 नेता, जिनमें एक विधायक और 11 पूर्व विधायक शामिल हैं। बसपा के आठ नेताओं में एक विधायक और सात पूर्व विधायक हैं। जेडीयू के छह नेताओं में तीन विधायक, एक पूर्व विधायक एक पूर्व मंत्री और एक पूर्व सांसद हैं।
कई बड़े नाम भी शामिल
एक वेबसाइट ने खुलासा किया है कि पैन कार्ड का फर्जी विवरण देने वालों में बिहार के 26, मध्य प्रदेश के 17, असम के 13, उत्तराखंड के 14, हिमाचल प्रदेश के 12, राजस्थान के 11 नेता शामिल हैं। बड़े नेताओं में तरुण गोगोई, भूमिधर बर्मन, जीतन राम मांझी के साथ वीरभद्र सिंह और कई मौजूदा मंत्री शामिल हैं। वहीं मौजूदा मंत्रियों में राजस्थान की बीना काक, बिहार के नंद किशोर यादव, महाराष्ट्र के देशमुख विजय कुमार, हरियाणा की कविता जैन और हिमाचल प्रदेश के किशन कपूर प्रमुख हैं।
चुनावों में दिए अलग पैन नंबर
वेबसाइट का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2007 और 2012 के चुनाव में अलग-अलग पैन नंबर दिए। हिमाचल से ही पांच बार विधायक और मंत्री रहे किशन कपूर ने भी 2007 और 2012 के चुनावों में अलग पैन नंबर दिए हैं। हरियाणा में मंत्री कविता जैन ने 2009 और 2014 के चुनावों में अलग पैन नंबर दिया। वहीं महाराष्ट्र में मंत्री देशमुख विजय कुमार सिद्रामप्पा ने भी 2009 और 2014 के चुनाव में अलग पैन नंबर दिए हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने 2007 और 2012 के चुनावों में अलग पैन नंबर दिए थे।(कोबरा पोस्ट)
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