रायपुर। शिक्षाकर्मियों के अनुकम्पा नियुक्ति मामले में सरकार ने छूट दे दी है, जिससे करीब 35 सौ अनुकम्पा के लंबित मामलों में निपटेंगे। इस आदेश के तहत अब उन्हें भी नियुक्ति हेतु अनिवार्य योग्यता में छूट दी जा रही है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के अनुकम्पा नियुक्ति का नियम बहुत जटिल था। सीधी भर्ती और अनुकम्पा दोनों के लिए एक नियम निर्धारित था, जबकि राज्य के अन्य कर्मचारियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति के मामलों में व्यावसायिक योग्यता की अनिवार्यता को शिथिल कर नियुक्ति प्रदान की जाती है। जबकि शिक्षाकर्मियों के मामलों में कोई छूट नहीं दी गई थी। जिससे प्रदेश में लगभग 35 सौ अनुकम्पा के मामले लम्बित थे।
ज्ञात हो कि मोर्चा प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने शिक्षक महासम्मेलन के प्रतिवेदन वाचन में अनुकम्पा नियुक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पहली मांग के रूप में प्रस्तुत किया था। केदार जैन ने भी स्वागत भाषण में अनुकम्पा नियुक्ति का मामला उठाया था।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री से हुई मुलाकातों में हमेशा अनुकम्पा नियुक्ति के मामलों को प्रमुखता से रखा गया था। शिक्षक महासम्मेलन में अनुकम्पा पीडि़तों को विशेष रूप से मुख्यमंत्री का स्वागत और मुलाकात करने का अवसर महासम्मेलन के। आयोजकों द्वारा प्रदान किया गया था।
अनुकम्पा के नियमों के शिथिलिकरण के आदेश से प्रसन्न प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे और केदार जैन ने हर्ष व्यक्त किया है और समस्त अनुकम्पा पीडि़तों को बधाई प्रेषित की है, साथ ही इस संवेदनशील निर्णय के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और छग मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया है।
बधाई देने वालो में धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी, डॉ सांत्वना ठाकुर,जितेंद्र शर्मा, टीसी जायसवाल, सचिन त्रिपाठी, रत्नाकर, अतुल अवस्थी, सुनील सिंह, विष्णु शर्मा, ओमप्रकाश बघेल, घनश्याम पटेल, कृष्णराज, सत्येन्द्र सिंह, दीपक वेंताल, दिनेश राजपूत, पवन सिंह, सन्तोष शुक्ला, प्रह्लाद जैन, हिमन कोर्राम, जोगेन्द्र यादव,राजेश यादव,यादवेन्द्र दुबे, सर्वजीत पाठक,भोजराम पटेल, विनय सिंह, प्रदीप पांडेय,भानु डहरिया आदि ने बधाई दी है।
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